Gautam Adani’s Port : इजरायल-हमास युद्ध के कारण गौतम अदाणी के पोर्ट कारोबार (Gautam Adani’s Port Business) को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। मगर, भारत में अदाणी पोर्ट का काम तेजी से बढ़ रहा है।
केरल के विझिंगम में गहरे पानी में बन रहे इस पोर्ट से अदाणी समूह के व्यापार को एक नयी बूस्ट मिलने की उम्मीद है।
20 हजार करोड़ का पोर्ट
विझिंगम ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल (Vizhingam Transshipment Terminal) पर अदाणी पोर्ट के द्वारा 20 हजार करोड़ रुपये निवेश किया जा रहा है। इस पोर्ट का काम काफी तेजी से अदाणी पोर्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक करण अदाणी की देखरेख में किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि पोर्ट का काम 2030 तक पूरा हो जाएगा। इस पोर्ट पर आधिकारिक रूप से अपने पहले शिप को रिसीव किया था। Zhen Hua 15 नाम के इस शिप को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रिसीव किया था।
जानकार बताते है कि अदाणी के इस पोर्ट से अगले साल मई से दिसंबर के बीच में परिचालन की शुरूआत की जा सकती है।
केंद्र और राज्य सरकार ने भी किया है निवेश
इस पोर्ट में केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार का भी पैसा लगा है। मिंट के रिपोर्ट के अनुसार, अदाणी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के CEO राजेश झा ने बताया कि परियोजना के लिए पहले चरण में 7,700 करोड़ रुपये का निवेश मिल गया है। इसमें अदाणी समूह के द्वारा 2,500 से 3000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
जबकि, अन्य निवेश केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है। इस पोर्ट का निर्माण अडानी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है।
भारत के लिए इस पोर्ट को कई लाहाज से महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। इसके तैयार होने से हिंद महासागर में भारत का दबदबा बढ़ेगा। साथ ही, श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट जैसे विदेशी ट्रांसशिपमेंट हब देश की निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी।
कोलंबो पोर्ट पर चीन की कंपनियों का पैसा लगा है। ऐसे में सीधे देखें तो चीन पर निर्भरता में कमी आएगी। भारत के इस पोर्ट की 18 मीटर से ज्यादा की प्राकृतिक गहराई है।
इससे बड़े शिप को पार्क करने में परेशानी नहीं होगी। वहीं, अंतरर्राष्ट्रीय शिपिंग रुट केवल 10 नॉटिकल माइल दूर है। ऐसे में इसकी स्थिति हर दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
कहां बन रहा पोर्ट
अदाणी विझिंजम बंदरगाह क्षेत्र में समुद्री व्यापार (Maritime trade) को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है, और यह भारत के बंदरगाह बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण निवेश का प्रतिनिधित्व करता है।
विझिंजम भारत के केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में एक तटीय शहर है। यह बंदरगाह रणनीतिक रूप से अरब सागर तट पर स्थित है, जो इसे समुद्री व्यापार के लिए संभावित रूप से महत्वपूर्ण केंद्र बनाता है।
विझिंजम बंदरगाह को एक अत्याधुनिक ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल के रूप में डिज़ाइन किया गया है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में, विशेषकर हिंद महासागर क्षेत्र में कंटेनर यातायात की बढ़ती मांगों को पूरा करना है।
पोर्ट की गहराई और क्षमता
बंदरगाह में 20 मीटर तक का गहरा ड्राफ्ट है, जो इसे बड़े कंटेनर जहाजों को संभालने की अनुमति देता है। इसे सालाना लगभग 1.8 मिलियन टीईयू (बीस फुट समतुल्य इकाइयां) कंटेनर कार्गो को संभालने की क्षमता के लिए डिज़ाइन किया गया है।
विझिंजम पोर्ट (Vizhinjam Port) का प्राथमिक उद्देश्य ट्रांसशिपमेंट हब (Transshipment Hub) के रूप में काम करना है। ट्रांसशिपमेंट में कंटेनरों को उनके अंतिम गंतव्य तक भेजने के लिए एक बड़े जहाज से दूसरे जहाज तक ले जाना शामिल है। इसका उद्देश्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के साथ विझिंजम के लाभप्रद स्थान का लाभ उठाना है।
सरकारी सहयोग और समयरेखा
बंदरगाह से केरल और आसपास के क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। इससे रोजगार के अवसर पैदा होने और समुद्री क्षेत्र से संबंधित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
बंदरगाह के विकास में पर्यावरणीय विचार (Environmental Considerations) भी शामिल हैं। स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव को कम करने के लिए उपाय किए जाते हैं, और परियोजना में तटीय संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की पहल शामिल है।
विझिंजम बंदरगाह परियोजना (Vizhinjam Port Project) को भारत में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से समर्थन मिला है। इसे एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा विकास माना जाता है जो सरकार की “सागरमाला” पहल के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य भारत के बंदरगाह क्षेत्र को आधुनिक और अनुकूलित करना है।
विझिंजम बंदरगाह (Vizhinjam Port) का विकास एक दीर्घकालिक परियोजना रही है। विभिन्न नियामक बाधाओं को दूर करने के बाद निर्माण शुरू हुआ और बंदरगाह ने 2019 में परिचालन शुरू किया।
बंदरगाह तक और बंदरगाह से माल की कुशल आवाजाही की सुविधा के लिए बंदरगाह को सड़क और रेल नेटवर्क (Road and Rail Network) से अच्छी तरह से जोड़ने की योजना है।