Female Indian Soldiers Died: इजरायल और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के बीच जंग ( Israel and Palestine terrorist War ) जारी है।
इस जंग में भारतीय मूल की दो महिला सैनिकों की भी मौत (Female Indian Soldiers Died) हो गई है। दोनों महिला सैनिक 7 अक्टूबर को हुई घटना के समय दक्षिणी इजरायल में मौजूद थीं।
अब तक 286 सैनिक और 51 पुलिस अफसरों की मौत
इजरायली सेना के साथ-साथ इजरायल के भारतीय समुदाय ने इस बात को कंफर्म किया है। हमले में जान गंवाने वाली महिला सैनिकों का नाम 22 साल की लेफ्टिनेंट ऑर मोसेस और इंस्पेक्टर किम डोक्राकर (Lieutenant Orr Moses and Inspector Kim Dokrakar) है।
ऑर मोसेस होम फ्रंट कमांड में तो वहीं किम डोक्राकर बॉर्डर (Kim Dokrakar Border) पुलिस ऑफिस में तैनात थीं। दोनों की मौत 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले में ड्यूटी के दौरान हुई है। बता दें कि हमास के साथ जंग में अब तक 286 सैनिक और 51 पुलिस अफसरों की मौत हुई है।
सदमे में हैं शहाफ और उनका दोस्त
दरअसल, शहाफ के दादा याकोव टॉकर 1963 में मुंबई से इजरायल पहुंचे थे। तब से उनका परिवार वहीं रहता है। शहाफ ने हमले के बारे में बात करते हुए बताया कि वह और उनका दोस्त यानिर अब तक सदमे में हैं।
शहाफ ने बताया कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में हो रही पार्टी में वह अपने दोस्त यानिर के साथ गई थी। अचानक उन्होंने देखा की आसमान से रॉकेट बरस रहे हैं।
कैसे बचे शहाफ और यानिर
शहाफ (Shahaf) ने बताया कि मैंने यानिर से कहा कि आसमान से मिसाइल गिर रही हैं। इसके बाद हमनें कार की तरफ भागना शुरू कर दिया। दौड़ते हुए मेरा पैर फिसला और मैं जमीन पर गिर गई।
यानिर में मुझे उठाया और कहा कि सब कुछ ठीक है, लेकिन हमें जल्द ही यहां से भागना होगा। हम कार में बैठे और उसे ड्राइव करना शुरू किया।
पुलिस ने दाहिने तरफ भागने के लिए कहा, लेकिन वह रोड तेल अवीव की तरफ नहीं जाती थी, इसलिए हमने पीछे मुड़कर तेल अवीव (Tel Aviv) की तरफ जाने का फैसला किया।
तीन घंटे तक डर के साये में छुपे रहे…
उन्होंने आगे बताया कि हमें नहीं पता था कि हम बचेंगे या मारे जाएंगे। आतंकी पूरी प्लानिंग के साथ भागने वालों का इंतजार कर रहे थे। आठ आतंकियों ने सड़क ब्लॉक कर रखी थी।
उन्हें देखते ही आतंकियों ने उन पर फायरिंग (Firing) शुरू कर दी। इसके बाद यानिर ने कार बैक की और वह फिर दूसरी तरफ भागे, लेकिन यहां भी आतंकी मौजूद थे।
किसी तरह उनसे बचकर दोनों एक गैस स्टेशन (पेट्रोल पंप) पहुंचे और तीन घंटे तक डर के साये में वहीं छुपे रहे। उनके साथ वहां करीब 21 लोग और मौजूद थे। वहां सिर्फ एक सिक्योरिटी गार्ड था, जिसके पास गन थी।
हमले में बची महिला ने बताया…
इजरायल के भारतीय समुदाय (Indian community) का कहना है कि भारतीय मूल के मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है, क्योंकि अभी तक इजरायल के कई लोगों को हमास ने किडनैप कर रखा है, जिनमें से कुछ की अभी तक पहचान भी नहीं हो सकी है।
भारतीय मूल की 24 साल की महिला शहाफ टॉकर (Shahaf Talker) 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले में बाल-बाल बची हैं।