Rajasthan Elections : कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) की अध्यक्षता में हुई।
इस दौरान गांधी परिवार के साथ-साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
शांति धारीवाल के नाम से तिलमिलाईं सोनिया गांधी
जैसे ही शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) का नाम चर्चा में आया, सोनिया गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए पूछा कि उनका नाम सूची में कैसे है। सूत्र ने कहा कि जैसा कि अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को यह बताना चाहा कि शांति धारीवाल साफ छवि वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री की बात टाल दी।
साथ ही यह कहा कि उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान चरण के दौरान शांति धारीवाल के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं। सूत्र ने दावा किया कि इसके बाद उन्होंने स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई से भी पूछा कि क्या उन्हें शांति धारीवाल और उनके परिवार के सदस्यों के अलावा कोई नाम नहीं मिला है।
शांति धारीवाल पर कड़ी आपत्ति
वहीं गौरव गोगोई ने जवाब दिया, आप ठीक कह रहे हैं। शांति धारीवाल के खिलाफ पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व की कड़ी आपत्ति के बाद कमरे में पूरी तरह सन्नाटा छा गया।
बता दें कि, पिछले साल 25 सितंबर को शांति धालीवाल ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था। सोनिया गांधी, (Sonia Gandhi) जो उस समय पार्टी की अंतरिम प्रमुख थीं, उन्होंने खरगे और अजय माकन को पर्यवेक्षकों के रूप में राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की बैठक आयोजित करने के लिए भेजा था। इन खबरों के बीच कि गहलोत को उनके पद से हटाकर पार्टी प्रमुख बनाया जा सकता है।
इन लोगों का हटा नाम
सूत्र ने कहा, स्क्रीनिंग कमेटी ने राठौड़ और जोशी का नाम भी हटा दिया। हालांकि, धारीवाल का नाम बुधवार को CEC के पास पहुंचा, जब इसे गांधी परिवार (Gandhi family) की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा। सूत्र ने आगे कहा कि कम से कम 50 से 55 मौजूदा विधायकों के नामों को अंतिम रूप दे दिया गया है।
200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) के लिए मतदान 25 नवंबर को होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। कांग्रेस राजस्थान में लगातार दूसरे कार्यकाल पर नजर गड़ाए हुए है और उसने रेगिस्तानी राज्य में कई जन-समर्थक योजनाएं शुरू की हैं।
पूरा मामला विस्तार से
हालांकि, पार्टी विधायकों की बैठक नहीं हो पाने के बाद पर्यवेक्षक दिल्ली लौट गए। बैठक से पहले अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले विधायकों ने शांति धारीवाल के नेतृत्व में मुलाकात की, जिसे अशोक गहलोत के वफादार को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुनने के लिए आलाकमान को एक संदेश के रूप में देखा गया।
शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के आवास पर समानांतर बैठक से खरगे और माकन को भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी और वरिष्ठ नेतृत्व के लिए चुनौती खड़ी हो गई थी।
इसके बाद कांग्रेस ने विधायकों की समानांतर बैठक आयोजित करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले राज्य के तीन कांग्रेस नेताओं धारीवाल, विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी और राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ (Dharmendra Rathore) के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था।