रांची : भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव (Pramod Mishra and Anil Yadav) को रिमांड पर लेकर नेशनल इन्वेस्टिगेशन ब्यरो (NIA) की टीम पूछताछ कर रही है। 2 अक्टूबर को भी टीम ने दोनों से पूछताछ की थी।
गया जिले से अरेस्ट हुए थे प्रमोद और अनिल
गौरतलब है कि इसके पहले बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार कर पूछताछ की थी। इस दौरान रोहित विद्यार्थी ने पुलिस को बताया कि प्रमोद मिश्रा गया जिले का लुटुआ गांव आने वाला है।
सूचना के आधार पर बिहार पुलिस ने नौ अगस्त को पोलित ब्यूरो सदस्य और एनआरबी (उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो) के प्रभारी प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव को गिरफ्तार कर लिया था।
NIA जांच से संकेत मिले हैं कि कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंगों (Frontal organizations and Student Wings) को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से कैडरों को प्रेरित करने, भर्ती करने और माओवादी की विचारधारा का प्रचार करने का काम सौंपा गया था।
बिहार के औरंगाबाद का है प्रमोद मिश्रा
प्रमोद मिश्रा मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाना क्षेत्र के कासमा गांव का रहने वाला है। उसका लंबे समय तक सारंडा में कार्यक्षेत्र रहा है। गिरफ्तारी से पहले वह झारखंड-बिहार सीमा पर छकरबंधा में माओवादियों को मजबूत करने में जुटा था।
प्रमोद मिश्रा (Pramod Mishra) को नक्सली संगठन में वर्ष 2004 में केंद्रीय समिति सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। वर्ष 2007 में पोलित ब्यूरो सदस्य बनाया गया था।
वह 11 मई 2008 को धनबाद जिले के विनोद नगर से गिरफ्तार हुआ था। उसे न्यायालय ने सबूत के अभाव में वर्ष 2017 में रिहा कर दिया था।