रांची : राजधानी के कुख्यात अपराधी सुरेंद्र बंगाली उर्फ सुरेंद्र सिंह रौतेला से जुड़े एक आपराधिक मामले का रिकार्ड कोर्ट से गायब होने मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
इस मामले में पुलिस खंगाल रही है कि सबसे पहले किस कोर्ट में रिकार्ड था। कौन-कौन रिकार्ड के जिम्मेवार रहे हैं।
कब-कब के कोर्ट में इस रिकार्ड का ट्रांसफर हुआ है।
कितनी बार संबंधित रिकार्ड की सर्टिफाइड कॉपी निकाली गई है।
इन सारे तथ्यों को खंगालते हुए पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। गौरतलब है कि मामले में कोतवाली थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई है।
सिविल कोर्ट के रजिस्ट्रार मनीष कुमार सिंह की ओर से एफआइआर दर्ज कराई गई है।
बताया गया है कि सिविल कोर्ट से सुरेंद्र बंगाली के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे से संबंधित रिकार्ड गायब हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
यह रिकार्ड करीब 20 साल से गायब है, जो आज तक नहीं मिला है।
इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने जांच का आदेश दिया है।
जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीके राय की वन मैन कमेटी बनाकर इसकी जांच कर दो माह में रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त को रिकार्ड गायब होने की प्राथमिकी दर्ज करा हाई कोर्ट को सूचित करने का भी निर्देश दिया गया है।
निचली अदालत में केस का रिकार्ड नहीं मिल रहा है
जेल में बंद रांची के कुख्यात अपराधी सुरेंद्र बंगाली ने वर्ष 2014 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि डोरंडा थाना से संबंधित एक मामला (77/1987) निचली अदालत में लंबित है।
वर्ष 1999 में निचली अदालत ने इस केस को रिमांड किया है और संज्ञान भी लिया है, लेकिन इसपर अभी तक सुनवाई नहीं हो रही है क्योंकि निचली अदालत में केस का रिकार्ड नहीं मिल रहा है।
इस पर हाईकोर्ट ने 26 अक्टूबर 2015 को न्यायायुक्त से रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन तय तिथि तक निचली अदालत से कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी गई।