रांची: राजधानी रांची में 9वीं बटालियन एनडीआरएफ और सीआईएसएफ यूनिट बोकारो थर्मल पॉवर (बीपीटीसी) द्वारा संयुक्त रूप से क्लोरीन गैस रिसाव की दुर्घटना पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया।
इस मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ और बोकारो थर्मल पॉवर (बीपीटीसी) के साथ सीआईएसएफ यूनिट की अग्निशमन सेवा तथा केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के सुरक्षा कर्मियों ने बढ-चढकर हिस्सा लिया तथा इसे सफल बनाया।
मॉक ड्रिल के दौरान बोकारो स्थित बोकारो थर्मल पॉवर में लगे जल शोधक संयंत्र में रखे क्लोरीन टनर से क्लोरीन गैस रिसाव के दुर्घटना का दृश्य चित्रित किया गया था।
सभी प्रतिभागी एजेंसियों ने बेहतर समन्वय स्थापित कर इस आपदा से निपटने का कुशल अभ्यास किया।
इस दौरान एनडीआरएफ के बचाव कर्मियों ने प्लांट से पीड़ित लोगों को सुरक्षित निकालने, अस्पताल पूर्व चिकित्सा मुहैया कराने तथा गैस रिसाव को रोकने का ऑनसाइट अभ्यास किया।
9वीं बटालियन एनडीआरएफ टीम का नेतृत्व हरिचरण प्रसाद, उप कमान्डेंट ने किया और उनका साथ दिया। विनय कुमार, सहायक समादेष्टा ने।
इस अवसर पर सुप्रियो गुप्ता (प्लांट चीफ) ए पी सिंह (मुख्य अभियंता), आलोक कुमार (उप कमांडेंट, सीआईएसएफ), रमेश कुमार (सहायक कमांडेंट, अग्निशमन) तथा अरूण कुमार (डी जी एम) भी मौजुद रहे साथ ही अपनी टीम के साथ मौजूद रहे डीवीसी हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भट्टाचार्य, स्थानीय पुलिस थाना के प्रभारी इंसपेक्टर रविन्द्र कुमार।
इसके अलावा बोकारो थर्मल प्लांट के करीब 175 कार्मिकों ने पूरे मॉक ड्रिल को ध्यान पूर्वक देखा और सीखा।
इस अभ्यास के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के पहलूओं का भी पूरा ध्यान रखा गया। विजय सिन्हा, कमाण्डेंट, 9वीं बटालियन एनडीआरएफ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रही विभिन्न एजेन्सियों के बीच परस्पर समन्वय तथा कार्यक्षमता को और बढाना है ताकि वास्तविक आपदा के दौरान जानमाल के नुकसान को रोका जा सके।