MiG-21 Bison Aircraft : रूसी मिग लड़ाकू विमानों (Russian MiG fighter Planes) के युग के अंत को चिह्नित करते हुए MiG-21 बाइसन (MiG-21 Bison) ने राजस्थान के बाड़मेर में उत्तरलाई शहर के ऊपर आखिरी बार उड़ान भरी।
मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान (MiG-21 Bison Fighter Aircraft) के लिए वायु सेना स्टेशन उत्तरलाई में कार्यरत 4 नंबर स्क्वाड्रन को अब सुखोई-30 MKI में बदल दिया गया है। इसका जश्न मनाने के लिए वायु सेना स्टेशन में एक समारोह आयोजित किया गया। यहां से आखिरी बार उड़ान भरने वाले मिग-21 बाइसन का साथ सुखोई-30 ने दिया।
विंग कमांडर आशीष मोघे ने बताया कि वायु सेना ने अपने उत्तरलाई एयरबेस (Uttarlai Air Base) से मिग-21 बाइसन की दो स्क्वाड्रन का संचालन जारी रखा है लेकिन अब यहां कार्यरत 4 नंबर स्क्वाड्रन को सुखोई-30 MKI में बदल दिया गया है।
840 विमानों में से लगभग आधे दुर्घटनाओं में क्रैश हो गए
इसके लिए एक समारोह आयोजित करके जश्न मनाया गया। वायु सेना ने एक बयान में बताया कि रूसी मिग लड़ाकू विमानों के एक युग का अंत चिह्नित करने के लिए MiG-21 बाइसन विमान ने आखिरी बार राजस्थान के बाड़मेर जिले के उत्तरलाई एयरबेस (Uttarlai Air Base) से उड़ान भरी। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए सुखोई-30 MKI ने आसमान में मिग-21 बाइसन का साथ दिया।
भारतीय वायु सेना के बेड़े में मार्च, 1963 में शामिल हुआ पहला सुपरसोनिक विमान मिग-21 (Supersonic aircraft MiG-21) अब 60 साल पूरे कर चुका है। देश की सेवा में 50 वर्षों तक रहने के बाद 11 दिसम्बर, 2013 को इसे रिटायर कर दिया गया।
हालांकि, 1970 के बाद से MiG-21 सुरक्षा के मुद्दों से इस कदर त्रस्त हो चुका था कि दुर्घटनाओं में 170 से अधिक भारतीय पायलट और 40 नागरिक मारे गए। 1966 से 1984 के बीच 840 विमानों में से लगभग आधे दुर्घटनाओं में क्रैश हो गए।
इन विमानों में से अधिकांश के इंजनों में आग लग गई या फिर छोटे पक्षियों से टकराकर नष्ट हुए। MiG-21 के लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने पर इसे ‘उड़ता ताबूत’ कहा जाने लगा था।
वायु सेना के बेड़े से रिटायर किये जाने तक भारत के पास 110 से अधिक मिग-21 बचे थे। आखिरी बार MiG-21 तब सुर्ख़ियों में आया, जब भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान (Abhinandan Varthaman) ने 27 फरवरी, 2019 को बालाकोट स्ट्राइक के दौरान इसी विमान से पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराया लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार करता है।
हालांकि, इसी दौरान उनके MiG-21 को भी गोली मार दी गई, जिसकी वजह से विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान पैराशूट (Current Parachute) से नीचे उतरे। पाकिस्तानी क्षेत्र में लैंड करने के कारण पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया लेकिन कूटनीतिक दबावों के बाद उन्हें चंद दिन बाद रिहा करना पड़ा।
मिग-21 बाइसन
रूसी कंपनी ने 11,496 मिग-21 विमानों का निर्माण (MiG-21 aircraft Manufacturing ) करने के बाद अपने आखिरी MiG-21 को मिग बाइसन (Mig Bison) के रूप में 1985 में अपग्रेड किया था।
इस परिष्कृत मॉडल में पहले वाले मिग-21 वेरिएंट की कई कमियों को दूर किया गया था। इसके बाद रूसी कंपनी ने भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के पास बचे 54 मिग-21 विमानों को भी MiG-21 Bison के रूप में अपग्रेड किया।
इसलिए भारतीय वायु सेना का मिग-21 अपग्रेड होकर ‘मिग-21 बाइसन’ हो गया। इस समय भारतीय वायुसेना के पास 54 मिग-21 बाइसन हैं, जो आज भी देश की सेवा कर रहे थे। उत्तरलाई एयरबेस (Uttarlai Air Base) से आज MiG-21 Bison की आखिरी उड़ान के साथ इसकी विदाई का रास्ता साफ हो गया है।