रांची : फुट ओवरब्रिज और लाइट के अभाव में रेलवे ट्रैक पार करते समय जान गंवाने वाली महिला के परिवार को आठ लाख का मुआवजा (Compensation) देने का आदेश झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने दिया है।
रेलवे प्राधिकरण ने मुआवजा देने से किया था इनकार
बता दें कि रेलवे न्यायाधिकरण (Railway Tribunal) ने मृतका के परिजनों को मुआवजा देने से मना कर दिया था। इसके बाद मृतका के परिजनों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
हाई कोर्ट में इस संबंध में सुरेश राम ने याचिका दाखिल की थी। उनकी पत्नी की रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान वर्ष 2018 में मृत्यु हो गई थी।
हाई कोर्ट ने इसलिए मुआवजा देने का दिया आदेश
अदालत ने पाया कि जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण रेलवे दुर्घटना (Railway Accident) थी। इसके बाद सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मृतका वास्तविक यात्री थी, जिसकी अप्रिय घटना के कारण मौत हो गई।
अपीलकर्ता मृतका के आश्रित होने के कारण रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 124 (A) के तहत आवेदन दाखिल करने की तारीख (13 मार्च 2018) से मुआवजा राशि प्राप्त होने की तारीख तक 6% ब्याज के साथ आठ लाख (8,000,00/-) की राशि के मुआवजे के हकदार हैं।