नई दिल्ली : इस दीपावली (Diwali) पर खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतें (Food Items Prices) नहीं बढ़ने वाली हैं। इसका लाभ उपभोक्ताओं के मिलना तय है।
बाजार में खाने के तेल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। देश में खाने के तेलों की हुई अच्छी पैदावार और अंतरराष्ट्रीय बाजार (Good Yield and International Market) में कीमतें कम रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार खाने की कीमतें स्थिर बनी हुई है।
दिवाली जैसे त्योहार में सोयाबीन और पामोलीन तेल (Soybean and Palmolein Oil) की मांग बढ़ती है। खाने के तेलों का ज्यादातर उपयोग नमकीन बनाने में होता है।
पूरे साल तेल के भाव में तेजी देखने को नहीं मिली
तमाम बड़ी कंपनियों से लेकर हलवाइयों ने दीपावली को लेकर तैयार की जाने वाली नमकीन के लिए थोक कीमतों में खाने के तेल खरीद लिए हैं। अब Retail में उपभोक्ताओं द्वारा बनाए जाने वाले व्यंजनों के लिए खाद्य तेल बिक रहा है।
सरसों के तेल की खपत भी दीपावली पर बढ़ती है।वैसे देखा जाए तो सामान्य दिनों की अपेक्षा त्योहारी सीजन (Festive Season) में खाने के तेल की मांग में 25 प्रतिशत का इजाफा हो जाता है।
पूरे साल तेल के भाव में तेजी देखने को नहीं मिली है। इस बार सोयाबीन (Soybean) की पैदावार अच्छी रही। अब सरसों की बुआई शुरू हो गई है। पिछले साल देश में 112 लाख टन सरसों पैदा हुई। अगले साल 5 से 10 प्रतिशत रकबा बढ़ने की उम्मीद है।