रांची: BJP प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) भारत बंद के दौरान छात्रों पर हुए मुकदमों को उठाने का दिखावा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मुकदमा उठाने के साथ उनके चार वर्षों के कार्यकाल में आदिवासियों, दलितों पर अत्याचार करने वालों पर कठोर कार्रवाई भी करनी चाहिए थी।
मरांडी ने कहा कि ईडी की जांच में फंसे मुख्यमंत्री हताश, परेशान हैं। पिछले चार वर्षों से आदिवासी, दलित समाज पर कहर बरसाने वाले, उनकी जमीन को लूटने-लुटवाने वाले मुख्यमंत्री मुकदमा उठाने की घोषणा कर रहे हैं।
इसका स्वागत है लेकिन मुख्यमंत्री बतायें कि आदिवासी दारोगा संध्या टोपनो को गोतस्करों के द्वारा ट्रक से कुचल कर मारने वाले पर क्या कार्रवाई हुई। उनके विधायक प्रतिनिधि पर रूपा तिर्की के परिजनों के द्वारा लगाये गये आरोप पर क्या कार्रवाई हुई।
बाबूलाल मरांडी ने कहा…
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आदिवासी, दलित बच्चियों के साथ हुए हजारों दुष्कर्मों पर क्या कार्रवाई हुई। पहाड़िया बेटी को टुकड़ों में काटने वाले पर क्या कार्रवाई हुई।
आदिवासी बेटी की दुष्कर्म व हत्या कर पेड़ पर लटकाने वाले पर क्या कार्रवाई हुई। मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार बनते ही चाईबासा में सात आदिवासियों की निर्मम हत्या हुई, अमर शहीद सिदो कान्हु के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या हुई। सुभाष मुंडा जैसे अनेक होनहार आदिवासी युवाओं की हत्या हेमंत सरकार की देन है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार आदिवासी, दलित को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही है। लव जिहाद के मामलों में आदिवासी समाज की बेटियों पर धर्मांतरण के दबाव के मामले उजागर हो रहे।
फिर भी सरकार तुष्टीकरण और वोट बैंक (Appeasement and Vote Bank) की राजनीति में मौन साधे बैठी है। जनजाति समाज अब हेमंत सरकार की नीति और नीयत को समझ चुका है।