रांची : झारखंड हाई कोर्ट में सहायक आचार्य नियुक्ति के विज्ञापन (Assistant Professor Recruitment Advertisement) को चुनौती देने वाली मनी लांग एवं अन्य की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।
जस्टिस राजेश शंकर के कोर्ट ने याचिकाकर्ता की हस्तक्षेप याचिका (IA) पर सुनवाई करते हुए सहायक आचार्य के विज्ञापन 13/2023 पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (JSSC) ने प्राथमिक स्कूलों में सहायक आचार्य के 26001 पदों के लिए विज्ञापन निकाला है।
मामले में कोर्ट ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) के सचिव को प्रतिवादी बनाते हुए चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2024 के दूसरे सप्ताह में होगी।
आचार्य पद के लिए कैसे विज्ञापन निकाला गया?
सहायक आचार्य के विज्ञापन संख्या 13/2023 को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने सहायक आचार्य के पे स्केल एवं अन्य बातों को उठाया है।
दाखिल याचिका में याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य सरकार ने जो टेट परीक्षा ली थी वह सहायक शिक्षक पद के लिए ली थी। सहायक शिक्षक के पद की बजाय सहायक आचार्य पद के लिए कैसे विज्ञापन निकाला गया?
वर्ष 2016 में सरकार ने टेट परीक्षा आयोजित की थी लेकिन यह परीक्षा सहायक शिक्षक पद (Teacher Post) के लिए थी। बाद में पद का नाम सहायक आचार्य कर दिया गया और इसका पे स्केल भी सहायक शिक्षक के पे स्केल से कम कर दिया गया।
अब सहायक आचार्य का नया पद बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया की जा रही है। इसलिए सहायक आचार्य के नियुक्ति (Appointment of Assistant Professor) विज्ञापन पर रोक लगाई जाए।