गाजा : इजराइली सैनिकों (Israeli Soldiers) ने मंगलवार को उत्तर पूर्वी गाजा में जबालिया क्षेत्र को चारों तरफ से घेर लिया है। इजराइली सेना ने शरणार्थी शिविर और करीब के एक अस्पताल के गेट पर बमबारी (Gate Bombing) की।
इस दौरान फिलिस्तीनी आतंकवादियों (Palestinian Terrorists) ने भी प्रतिरोध किया। इसके साथ ही इजराइल सेना ने उत्तरी गाजा में अपने अभियान का विस्तार किया, जहां के निवासियों तक हफ्तों से बिजली, पानी या मानवीय सहायता नहीं पहुंची है।
इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas war) सातवें हफ्ते में प्रवेश कर गया है। युद्ध की अग्रिम पंक्ति जबालिया शिविर में स्थानांतरित हो गई है, जो गाजा शहर के पास कंक्रीट की इमारतों का घना जंगल है।
यहां 1948 के युद्ध शरणार्थियों और उनके वंशजों को रखा गया है। इजरायल इस क्षेत्र पर हफ्तों से बमबारी कर रहा है। सेना ने कहा कि गाजा शहर के अधिकांश हिस्से से खदेड़े जाने के बाद हमास के लड़ाके वहां और अन्य पूर्वी जिलों में फिर से इकट्ठा हो गए हैं।
1, 60, 000 लोग शिविरों में आश्रय लिए हुए
जबालिया के बाहरी इलाके में इंडोनेशियाई अस्पताल (Indonesian Hospital) के बाहर भी लड़ाई तेज हो गई है, जहां सोमवार को हमले में 12 लोगों की मौत हो गई। वहीं, उत्तरी गाजा में दबाव बनने के बाद यह स्पष्ट नहीं है कि यहां कितने लोग बचे हैं। लेकिन फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UN agency) का आकलन है कि यहां 1, 60, 000 लोग शिविरों में आश्रय लिए हुए हैं।
यहां अधिक समय के लिए जरूरी सामान की आपूर्ति नहीं बची है। वहीं, WHO ने कहा है कि वह गाजा के तीन अस्पतालों से लोगों को निकालने की योजना बना रहा है।
इस बीच, इजरायली रक्षा बल ने सात अक्टूबर को हमास हमले के वीडियो साझा किए हैं। इससे पता चलता है कि हमास ने किस तरह लोगों से दरिंदगी की।
लेबनानी सूचना मंत्री के अनुसार, मंगलवार को दक्षिणी लेबनान पर इजराइली हमले में इजराइल से सटी लेबनानी सीमा तीर हारफा में बेरूत स्थित अल-मयादीन टीवी के लिए रिपोर्टिंग करने वाले दो पत्रकारों व एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई। दोनों पत्रकारों (Journalists) की पहचान संवाददाता फराह ओमर और कैमरामैन रबीह मामरी के रूप में की गई है।