रांची : झारखंड हाइ कोर्ट (Jharkhand High Court) में संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण वहां जनसंख्या की स्थिति में कुप्रभाव (Adverse Effect on Population Situation) को लेकर डेनियल दानिश की जनहित याचिका की सुनवाई बुधवार को हुई।
मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता प्रशांत पल्लव से पूछा है कि वह सरकार से इंस्ट्रक्शन लेकर बताएं कि केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों की टीम बनाकर साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा व जामताड़ा आदि क्षेत्र में अवैध प्रवासी (बांग्लादेशी घुसपैठियों) का पता लगाना संभव है या नहीं।
कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर निर्धारित की है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।
पूर्व में कोर्ट ने गृह मंत्रालय से पूछा था कि झारखंड के बॉर्डर इलाके से कैसे बांग्लादेशी घुसपैठिए प्रवेश कर रहे हैं बताएं, इसे रोकने के लिए क्या किया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव (Prashant Pallava) ने पैरवी की।
इन जिलों में जनसंख्या में कुप्रभाव पड़ रहा है
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा है कि जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज आदि झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए (Bangladeshi Infiltrators) झारखंड आ रहे हैं।
इससे इन जिलों में जनसंख्या में कुप्रभाव पड़ रहा है। इन जिलों में बड़ी संख्या में मदरसा स्थापित किया जा रहा है। साथ ही स्थानीय ट्राइबल के साथ वैवाहिक संबंध बनाया जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस मामले में भारत सरकार का गृह मंत्रालय रिपोर्ट दाखिल करे और बताए कि झारखंड के बॉर्डर इलाके से कैसे बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं और उनके द्वारा झारखंड में कैसे लोगों को गुमराह कर वैवाहिक संबंध (Marital Relationship) स्थापित किया जा रहा है।