रांची: प्रशिक्षित शिक्षक संघ झारखंड प्रदेश अध्यक्ष महिपाल महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर जल्द झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) आयोजित करने की मांग की है।
कहा कि झारखंड राज्य अलग हुए 20 वर्ष बीत गए, लेकिन शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन सिर्फ दो ही बार हुआ है।
जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत हर वर्ष जेटेट परीक्षा होनी चाहिए।
2016 से लेकर 2020 तक राज्य व अन्य राज्यों समेत ओपन विश्वविद्यालय से लगभग पांच लाख छात्रों ने प्रशिक्षण डिग्री प्राप्त की है और डिग्री धारियों की उम्र सीमा भी पार हो रही है।
2016 की शिक्षक पात्रता परीक्षा में अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी भी जेटेट का इंतजार कर रहे हैं।
बताते चलें की साल 2019 के विधानसभा चुनाव में कई तरह के स्थायीकरण का मुद्दा हर किसी के जुबां पर था।
खास कर हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली गठबंधन की बात करे तो सरकार गठन के बाद इनके स्थायीकरण की घोषणा भी की गई थी। कई वादे कर हेमंत सोरेन सरकार सत्ता में आई।
इधर राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक स्थायीकरण, वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। पारा शिक्षकों का अगले चरण में 10 फरवरी को सीएम आवास घेराव का कार्यक्रम है।
लेकिन 13 माह बिताने के बाद भी सरकार इस दिशा में पहल नहीं कर रही। ऐसे में अपने ही वादे के जाल में सरकार उलझती नजर आ रही है।
आज जब एक के बाद एक संविदा और अनुबंधकर्मी राज्य सरकार को घेरने में लगे हैं, तब मुख्य विपक्षी दल बीजेपी को भी मौका मिल गया है।
हर साल 5 लाख बेरोजगारों को रोजगार देने से लेकर अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण के सवाल पर बीजेपी हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है।
पार्टी का कहना है कि सिर्फ सत्ता में आने के लिये जेएमएम ने इस झूठ का सहारा लिया और आज अपने वायदे से भाग रही है।