रांची: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लातेहार के चंदवा में चार पुलिसकर्मियों की हत्या करने के मुख्य अभियुक्त सोनू उर्फ मृत्युंजय सिंह को गिरफ्तार किया है।
एनआईए जांच में खुलासा हुआ है कि लातेहार के चंदवा के रहने वाले मृत्युंजय सिंह ने घटना से एक दिन पहले चंदवा के भालुजंगा जंगल में भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली रवींद्र गंझू से मुलाकात की थी और उन्हें हमले के लिए रुपये उपलब्ध कराए थे।
उल्लेखनीय है कि 22 नवंबर 2019 की शाम तकरीबन सात बजे चंदवा के लुकईया मोड़ के समीप पुलिस गश्ती की टीम खड़ी थी।
इसी दौरान भाकपा माओवादियों के मोटरसाइकिल दस्ते ने वाहन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। हमले में चार पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।
मामले को लेकर एनआईए ने कई स्थानों पर छापेमारी की थी।
छापेमारी के क्रम में लातेहार के चंदवा निवासी एक ठेकेदार की ओर से नक्सलियों को लाखों की लेवी दिए जाने की जांच कर रही एनआईए की टीम ने बीते 30 जनवरी को लातेहार, पलामू और लोहरदगा में छापेमारी की थी।
छापेमारी के दौरान एनआईए टीम ने चंदवा के हरैया चौक स्थित संतोष सिंह के घर और लोहरदगा में विपिन शाहदेव के घर पर छानबीन की थी।
पिछले वर्ष पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया था। इस दौरान पकड़े गए नक्सलियों ने पांच लाख की लेवी सोनू सिंह से लेने की बात स्वीकार की थी।
बाद में पूरे मामले को एनआईए ने अपने हाथ में लेकर जांच शुरू की। इसी दौरान बीते 10 अक्तूबर को संतोष सिंह के घर पर छापेमारी हुई थी।
इस छापेमारी में 2.64 करोड़ नकद बरामद हुआ था।
लातेहार के चंदवा में माओवादी हमले में चार पुलिसकर्मियों के मारे जाने के मामले में एनआईए ने दो जुलाई 2020 को केस टेकओवर कर लिया था।
झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले हुए माओवादी हमले में लातेहार जिला बल के चंदवा थाना में तैनात एसआई शुकरा उरांव, चालक यमुना प्रसाद, शंभू प्रसाद व सिकंदर सिंह शहीद हो गये थे।
झारखंड पुलिस ने इस मामले की जांच एनआईए से कराने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था। केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस मामले में एनआईए को एफआईआर दर्ज करने की इजाजत 22 जून 2020 को मिल गयी थी। जिसके बाद एनआईए ने इस संबंध में नये सिरे से दिल्ली में केस दर्ज कर लिया था।
मालूम हो कि 23 नवंबर 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा झारखंड में चुनाव प्रचार के लिए आये थे। लातेहार में उस दिन भाजपा की बड़ी सभा थी।
ऐसे में लातेहार से रांची के रास्ते में पुलिस ने वीआईपी मूवमेंट के मद्देनजर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया था। 22 नवंबर 2019 की शाम तकरीबन सात बजे चंदवा के लुकईया मोड़ के समीप पुलिस गश्ती की टीम खड़ी थी।
इसी दौरान भाकपा माओवादियों के मोटरसाइकिल दस्ते ने वाहन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। हमले में चार पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।