रामगढ़: रामगढ़ प्रखंड विकास पदाधिकारी के फर्जी साइन से निकाले गए 78 लाख रुपये की जांच शुरू हुई तो एक और बड़ा खुलासा हुआ है।
जिन तीन चेक का इस्तेमाल रकम निकालने में किया गया है वह चेक ओरिजिनल नहीं था। चेक का क्लोन तैयार कर उस पर प्रखंड विकास पदाधिकारी एनी रिंकू कुजूर के हस्ताक्षर किए गए और फिर उसके नीचे मुहर भी लगायी गई।
क्लोन चेक के जरिए बैंक से इतनी मोटी रकम निकाली गई है। इस बात की पुष्टि बैंक ऑफ बड़ौदा की सीनियर मैनेजर, लीगल डीपी सिन्हा ने की है।
जांच के दौरान उन्होंने पाया कि जिस चेक नंबर से बैंक ने भुगतान किया है, उसका ओरिजिनल चेक प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय में मौजूद है।
इस फर्जीवाड़े में पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी नम्रता जोशी का नाम भी उछल कर सामने आया है। सीनियर बैंक मैनेजर डीपी सिन्हा ने बताया कि जब भी चेक का भुगतान किया जा रहा था उस वक्त बैंक में प्रखंड विकास पदाधिकारी का जो नंबर दिया गया था, उस पर कॉल लगाया गया था।
फोन करने के बाद अधिकारी ने जब अपनी सहमति दी, तब बैंक अधिकारियों के द्वारा पैसे का भुगतान किया गया। जिस नंबर पर बैंक अधिकारियों ने फोन किया था उसे रामगढ़ एसडीओ को भी उपलब्ध कराया गया है। वह नंबर एनी रिंकू कुजुर का नहीं था।
प्रखंड विकास पदाधिकारी एनी रिंकू कुजूर ने बताया कि अधिकारियों ने उन्हें कभी फोन किया ही नहीं।
उन्होंने यह बात भी स्पष्ट की है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी रामगढ़ के पद पर योगदान देने के साथ ही उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों को पत्र भी लिखा था।
उस पत्र के साथ उन्होंने अपने हस्ताक्षर अथॉरिटी को भी साझा किया था।
बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों ने बताया कि हस्ताक्षर की अथॉरिटी के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी ने पत्र लिखा था, लेकिन अकाउंट में मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए कोई पत्र नहीं लिखा गया।
जिसकी वजह से नंबर नहीं बदल सका। अब पूरा मामला काफी संदिग्ध हो गया है, जिसकी जांच भी की जा रही है।