Kerala Governor Affairs: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार को केरल सरकार और राज्यपाल मामले की सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाकर कहा कि वह बिलों को लेकर दो साल से क्या कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा…
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जैसे राज्यपाल की संवैधानिक (Constitutional) जवाबदेही है, इस तरह अदालत की भी संविधान और लोगों के प्रति जवाबदेही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वहां राज्यपालों के अध्यादेशों पर फैसला लेने के लिए गाइडलाइन बनाने पर विचार करेगा। शीर्ष अदालत ने केरल सरकार को याचिका में संशोधन करने की इजाजत दे दी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य के संवैधानिक पदाधिकारियों को कुछ राजनीतिक दूरदर्शिता दिखानी चाहिए।
केरल सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) के बीच इस बात को लेकर विवाद था कि आठ लंबित विधेयकों (बिल) में से राज्यपाल ने बिना कोई कारण बताए सात विधेयक राष्ट्रपति के लिए भेज दिए थे।
लेकिन इनके लिए कारण नहीं बताया गया था। इसके बाद केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर दखल की मांग की थी।
राज्यपाल खान ने आरोप लगाया था, जब आप (Kerala Government) शुरुआत से ही विधायिका का इस्तेमाल उसके तय कार्यों से इतर उद्देश्य के लिए करने लगें, आप राज्यपाल को अंधेरे में रखें, आप अपने न्यायाधिकार क्षेत्र से परे के कानून पारित करें।