नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ (Michaung से निपटने के लिए चल रही तैयारियों की समीक्षा के लिए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में शुक्रवार को राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) की बैठक हुई।
बैठक में प्रभावित होने वाले राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के मुख्य सचिवों तथा पुडुचेरी के वित्त सचिव के अलावा केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों से जुड़े अधिकारी भी शामिल हुए।
कैबिनेट सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी को 18 टीमें उपलब्ध कराई हैं और 10 अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा है।
सभी केंद्रीय एजेंसियां तैयार
तटरक्षक बल, सेना और नौसेना की बचाव और राहत टीमों के साथ-साथ जहाजों और विमानों को भी तैयार रखा गया है। बैठक में कैबिनेट सचिव ने कहा कि तूफान से प्रभावित होने वाले चारों राज्यों से सभी आवश्यक और एहतियाती कदम उठाएं। इसका प्राथिमक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि जान हानि न हो और संपत्ति तथा बुनियादी ढांचे को कम से कम नुकसान हो।
तूफान के बाद सभी आवश्यक सेवाएं जल्द से जल्द बहाल की जायें। उन्होंने राज्य सरकारों को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां तैयार हैं और उनकी सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी।
उन्होंने कहा कि समुद्र में मछुआरों की सुरक्षित वापसी तथा तेल रिगों, जहाजों आदि में तैनात लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
दरअसल, मौसम विभाग ने अलर्ट किया है कि बंगाल की खाड़ी पर बना दबाव पिछले 6 घंटे के दौरान 13 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहा है। इसके 2 दिसंबर तक गहरे दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने और 3 दिसंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है।
तूफान उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए 4 दिसंबर की दोपहर तक दक्षिण आंध्र प्रदेश और आसपास के उत्तरी तमिलनाडु तटों के पास पहुंच जाएगा। इसके बाद यह दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के लगभग समानांतर उत्तर की ओर बढ़ेगा और 5 दिसंबर की दोपहर के दौरान नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच एक चक्रवाती तूफान के रूप में दक्षिण आंध्र प्रदेश को पार करेगा। इस दौरान हवा की गति 80-90 किमी प्रति घंटे से लेकर 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी।