रांची: ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के केंद्रीय महासचिव सह विधायक लंबोदर महतो ने जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अधिकतम आयु की गणना एक अगस्त 2011 करने की मांग की है।
इसे लेकर उन्होंने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है।
लंबोदर महतो के अनुसार, बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अधिकतम आयु की गणना एक अगस्त 2016 से की गई है जबकि इसी परीक्षा के लिए विज्ञापन जनवरी 2020 में निकला था।
जिसमें अधिकतम आयु की गणना एक अगस्त 2011 से की गई थी लेकिन आदर्श आरक्षण रोस्टर में पाई कुछ त्रुटियों के कारण यह विज्ञापन रद्द कर दिया गया था।
पुनः नए विज्ञापन निकालने की तैयारी की जा रही है। अधिकतम आयु की गणना एक अगस्त 2016 करने से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जाएंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि अधिकतम आयु की गणना एक अगस्त 2011 से की जाए। विधायक ने जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग को दो वर्ष की बजाय तीन वर्ष की छूट देने की भी मांग की है।
उन्होंने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग के अलावा कई राज्यों में अत्यंत पिछड़े वर्ग को तीन साल की छूट प्राप्त है।
मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में सामान्य कोटि के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष, हरियाणा, आंध्र प्रदेश व उत्तराखंड में 42 वर्ष, असम व तेलंगाना में 44 वर्ष तथा गोवा में अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष निर्धारित है, जबकि झारखंड में 35 वर्ष निर्धारित है।
इससे बड़ी संख्या में अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जाएंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य कोटि के अभ्यर्थी के हित में अधिकतम आयु सीमा बढ़ाने की दिशा में कार्रवाई की जाए।