पटना: पटना हाईकोर्ट ने डिप्लोमा इन एजुकेशन (डीएलईडी) नहीं करने वाले बिहार के 12 हजार से अधिक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है।
ये वे शिक्षक हैं, जिन्होंने 12वीं पास करने के बाद 50 प्रतिशत से कम अंक लाए थे।
दरअसल, हाईकोर्ट ने 30 मार्च 2019 तक डिप्लोमा इन एजुकेशन नहीं करने वाले शिक्षकों को नौकरी से हटने पर रोक लगा दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ.अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने 12 याचिकाओं पर सुनवाई में दिया।
सुनवाई अधिवक्ता माधव राज ने कोर्ट को बताया कि प्राथमिक निदेशक ने 22 अक्टूबर 2019 को पत्र जारी कर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश दिया था कि जो 30 मार्च 2019 तक डीएलएड नहीं किए हैं, और इंटर में 50 प्रतिशत से कम अंक हैं, उन्हें हटाने की कार्रवाई की जाए।
इस हिसाब से उनकी न केवल नौकरी जा रही थी, बल्कि उनके द्वारा लिए गए वेतन को भी वापस करना पड़ रहा था।
डीएलएड के लिए थी 50 प्रतिशत अंक की अनिवार्यता डीएलएड परीक्षा में शामिल होने के लिए इंटरमीडिएट में सामान्य के लिए 50 फीसदी अंक होने चाहिए थे।
वहीं अन्य सभी कोटि के लिए 45 फीसदी अंक होना अनिवार्य था, लेकिन 12 हजार 192 शिक्षकों को इंटर में इतने अंक नहीं थे। इसके बाद उन्हें हटाया जाना था।
एनआईएसओ ने तमाम शिक्षकों को एनआईएसओ से ही दोबारा 12वीं करने का मौका दिया था, जिनके कम अंक थे।
लेकिन अधिकतर शिक्षक डीएलएड में तब शमिल हुए, लेकिन 12वीं नहीं किया।
इस वजह से ये शिक्षक डीएलएड पास कर गए। लेकिन 12वीं के अंक की योग्यता नहीं होने के कारण डीएलएड से बाहर हो गए।