Nitin Gadkari on Road Infrastructure : अगले पांच वर्षों के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर (Road Infrastructure) के लक्ष्य को लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari) ने कहा कि महानगरों में भीड़ कम करने और यात्रा के समय और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के अलावा हमने अपने सड़क बुनियादी ढांचे को America के बराबर बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
पांच साल बाद सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर
पिछले नौ वर्षों में देश की सड़कों को सुरक्षित और Smart बनाने के Mission Mode में गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए काम सौंपा है। मौजूदा नीतियों में सुधार करके अनुबंधों को मंजूरी देने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया है।
उन्होंने Manorama Yearbook 2024 में प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा, ”किसी भी ठेकेदार को ठेका स्वीकृत कराने के लिए मेरे पास आने की जरूरत नहीं है। हम निर्णय लेने में पारदर्शी, समयबद्ध परिणामोन्मुख और गुणवत्ता के प्रति जागरूक और तेज हैं। हम अच्छे काम को प्रोत्साहित करते हैं और यही कारण है कि हमारे पास सात विश्व रिकॉर्ड हैं। यह मंत्रालय की बड़ी उपलब्धि है।”
गडकरी ने कहा कि “मुझे विश्वास है कि पांच साल बाद हमारा सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर हो जाएगा।”
Automobile क्षेत्र में भारत को नंबर एक बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग हाल ही में जापान को पीछे छोड़कर चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
उद्योग से 4.5 करोड़ नौकरियां पैदा हो चुकी
उन्होंने कहा, “हमारा उद्योग 7.5 लाख करोड़ रुपये का है और राज्यों और केंद्र सरकार को अधिकतम GST इसी क्षेत्र से मिलती है। अब तक इस उद्योग से 4.5 करोड़ नौकरियां पैदा हो चुकी हैं। मेरा सपना अगले पांच वर्षों में हमारे ऑटोमोबाइल उद्योग का आकार दोगुना कर 15 लाख करोड़ रुपये करना है।”
उन्होंने जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करने के लिए Electric और फ्लेक्स ईंधन वाहनों को पेश करने की भी जोरदार वकालत की, जिनका आयात बिल 16 लाख करोड़ रुपये है।
गडकरी ने कहा कि यह भारतीय किसानों को ऊर्जा उत्पादक के रूप में दोगुना करने के साथ-साथ ‘अन्नदाता’ (खाद्य उत्पादक) बनने के लिए भी सशक्त बनाएगा क्योंकि गन्ने और चावल के डंठल जैसी फसलों से इथेनॉल ईंधन (Ethanol Fuel) का उत्पादन किया जा सकता है।
सार्वजनिक परिवहन के भविष्य को लेकर उन्होंने कहा कि भारत अब Ropeway, केबल कार (Cable Car) बना रहा है। बिजली से सार्वजनिक परिवहन चला रहा है। अधिक शहरों में इलेक्ट्रिक बसें (Electric Buses) शुरू करने के प्रयास चल रहे हैं। पांच साल के भीतर सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह बदल जाएगा। यह कम प्रदूषण फैलाने वाला, अधिक लागत प्रभावी विकल्प होगा।
महानगरों में भीड़ कम करने के लिए परियोजनाएं शुरू
महानगरों में भीड़ कम करने के लिए 65,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में Dwarka Expressway (9,000 करोड़ रुपये), छह-लेन शहरी विस्तार सड़क (8,000 करोड़ रुपये), Eastern Peripheral Expressway (12,000 करोड़ रुपये), और Delhi-Meerut Expressway (8,000 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
तेज यात्रा समय सुनिश्चित करने के अपने मंत्रालय के प्रयासों के समर्थन में, उन्होंने मनाली और लाहौल-स्पीति घाटी के बीच रोहतांग दर्रे पर अटल सुरंग का उदाहरण दिया, जिसने यात्रा समय को तीन घंटे से घटाकर आठ मिनट कर दिया है। इसी तरह, कटरा-दिल्ली एक्सप्रेसवे दिल्ली और अमृतसर के बीच चार घंटे, दिल्ली और कटरा (जम्मू-कश्मीर) के बीच छह घंटे और दिल्ली और श्रीनगर के बीच आठ घंटे में यात्रा की अनुमति देगा। लद्दाख में जोजिला दर्रे पर Asia की सबसे बड़ी सुरंग पर काम शुरू हो गया है।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि नई सीमा सड़कें बनाई जा रही हैं, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। ऐसी 30 सड़कें हैं जहां हवाई जहाज सुरक्षित रूप से उतर सकते हैं। 670 सड़क किनारे सुविधाएं विकसित करने की योजना है जिसमें हेलीपोर्ट और ड्रोन पोर्ट भी होंगे।
हर साल पांच लाख दुर्घटनाएं और 1.50 लाख मौतें
हालांकि, मंत्री ने स्वीकार किया कि दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करने के उनके वादे के वांछित परिणाम नहीं मिले हैं। हर साल पांच लाख दुर्घटनाएं और 1.50 लाख मौतें होती हैं, जिससे GDP को तीन फीसदी का नुकसान होता है।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के बारे में लोगों की मानसिकता को बदलना जरूरी है, जिसके लिए मीडिया, सामाजिक और शैक्षणिक संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों से मदद की जरूरत है। इस संबंध में अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार समेत मशहूर हस्तियों से मदद ली जा रही है।