रांची: करीब 10 महीनों से बंद राज्य के स्कूल-कॉलेज, तकनीकी तथा कोचिंग संस्थानों को खोलने पर जल्द ही फैसला आ सकता है।
सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होनेवाली आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक इसपर निर्णय हो सकता है।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने ऊपरी कक्षाओं खासकर नौवीं तथा ग्यारहवीं के लिए भी स्कूलों को खोलने को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग को प्रेजेंटेशन भेजा है।
वहीं, राज्य में कोचिंग संस्थानों को खोलने को लेकर लंबे समय से मांग हो रही है।
लीडर स्कूलों को लेकर विभाग रेस
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग राज्य में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (लीडर स्कूल) की स्थापना को लेकर रेस हो गया है।
इसके लिए चयनित 80 स्कूलों के शिक्षकों को लीडर स्कूल का कांसेप्ट बताने तथा उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए शुक्रवार को जैक सभागार में एक कार्यशाला आयोजित की गई है।
इसमें सभी चयनित स्कूलों से दो-दो वरीय शिक्षकों के अलावा प्रधानाध्यापक भाग लेंगे। लीडर स्कूल के रूप में चयनित 80 स्कूलों में 25 जिला स्कूल, 24 बालिका आवासीय विद्यालय, 24 कस्तूृरबा गांधी आवासीय विद्यालय तथा सात मॉडल स्कूल शामिल हैं।
बता दें कि इन स्कूलों में निजी स्कूल की तरह सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन स्कूलों के लिए सीबीएसई से संबद्धता लेकर अंग्रेजी माध्यम से बच्चों को शिक्षा दिलाई जाएगी।
राज्यवासियों के समग्र विकास के प्रति सरकार संवेदनशील है। पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल और आजीविका के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने और लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की चुनौतियों से निपटने एवं अनुकूल वातावरण बनाने की पहल शुरू कर दी गयी है।
इसके लिए राज्य सरकार ने मंत्रिपरिषद की बैठक में अपनी पहली सीएसआर नीति को मंजूरी दी है, ताकि केंद्र और राज्य सरकार की सीएसआर के तहत होने वाले समान विकास कार्यों के दोहराव से बचा जा सके।
पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल व आजीविका क्षेत्र में बदलाव
वर्तमान सरकार का मानना है कि नई सीएसआर नीति की मदद से राज्य सरकार, कॉरपोरेट्स, सिविल सोसाइटी व अन्य संगठनों के बीच साझेदारी बनेगी और उनकी प्राथमिकताओं और गतिविधियों को सुव्यवस्थित करना आसान होगा।
प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में योजनाओं को लागू करने में सहूलियत होगी और योजनाओं से जरूरतमंद लोग लाभान्वित हो सकेंगे।
वैसे भी विभिन्न कंपनियां सीएसआर के तहत समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के साथ उन वंचित समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक जिम्मेदार शुभचिंतक के रूप में काम करती हैं।
नीति बनेगी मददगार
वर्तमान सरकार का मानना है कि नई नीति के साथ कॉरपोरेट्स को प्राथमिकताओं के क्षेत्रों के बारे में सही जानकारी मिलेगी। जबकि पूर्व में नीति के अभाव में कॉरपोरेट घराने परियोजनाओं के चयन में कठिनाई का अनुभव करते थे।
लेकिन, नई नीति के लागू होने से दीर्घकालिक मजबूत विकास की योजना को बल मिलेगा।
सीएसआर नीति का लक्ष्य प्राप्त करने की पहल
झारखण्ड सीएसआर नीति 2020 के लक्ष्य को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उद्योग विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत झारखण्ड कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।
यह प्राधिकरण राज्य में सीएसआर निवेश बढ़ाने की दिशा में काम करेगा। झारखण्ड सीएसआर प्राधिकरण की स्थापना के पश्चात झारखण्ड सीएसआर परिषद स्वतः भंग हो जाएगा।
सीएसआर पोर्टल होगा शुरू
नई नीति के तहत पारदर्शिता लाने और कुशल और निर्बाध सूचना प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए सीएसआर पोर्टल शुरू किया जायेगा। सीएसआर पोर्टल को प्राधिकरण की देखरेख में बनाया जाएगा।
सीएसआर पोर्टल में सेक्टर, जिलों, विभागों इत्यादि के अनुसार सीएसआर के तहत वित्त पोषित की जा रही वर्तमान योजनाओं का विवरण होगा।
इसके अतिरिक्त सीएसआर फंडिंग, सीएसआर फंडिंग की नीति और परिचालन दिशानिर्देश, परियोजना प्रस्ताव के लिए प्रारूप, कॉरपोरेट पंजीकरण फॉर्म, एमओयू, इत्यादि से संबंधित अन्य सभी विवरण पोर्टल पर उपलब्ध होगा।