रांची: झारखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हुए हमले के ख़िलाफ़ व किसान आंदोलन के समर्थन में 07 फरवरी को एक जनआक्रोश रैली व जनसभा का आयोजन किया जाएगा।
इस रैली लेकर शुक्रवार को हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई-आदिवासी और सर्वधर्म समाज के सभी प्रतिनिधियों की ओर से नगड़ा टोली स्थित सरना भवन सभागार में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
इसमें बताया गया कि वर्तमान झारखंड राज्य सरकार आदिवासी मूलवासी मुख्यमंत्री पर विगत दिनों हुए हमले के विरोध एवं किसान आंदोलन के समर्थन में 07 फरवरी को लोवाडीह हाईटेंशन मैदान रांची में एक विशाल जन आक्रोश महारैली आयोजित की जा रही है।
आयोजकों ने दावा किया है कि इस रैली में लाखों की संख्या में भीड़ जुटेगी।
आयोजकों ने बताया कि देश एवं राज्य में एक ख़ास विनाशकारी विचारधारा की शक्तियां और ताकतें काम कर रही हैं, जिससे यहां के आदिवासी, मूलवासी, समाज, दलित, पिछड़े, अति पिछड़े, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर और समुदायों को खत्म करने में लगी हैं, जो लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा का संकेत है।
ऐसे देश विरोधी, राज विरोधी व समाज विरोधी नीतियों को खत्म करने को लेकर पूरे झारखंड राज्यवासी आक्रोशित है। ऐसी मंशा रखने वाले को मुंहतोड़ जवाब देने को लेकर यह रैली आयोजित की गई है।
बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने रैली की सफलता के लिए रणनीति पर विचार किया गया और पूरे झारखंड वासियों से अपील की है कि इस जन आंदोलन में अपने राज्य और अस्मिता की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटें।
इस मौके पर आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के पीसी मुर्मू, झारखंड सिख फेडरेशन के ज्योति सिंह मथारू, अंजुमन इस्लामिया रांची मोख्तार अहमद एवं सामाजिक कार्यकर्ता नदीम खान, भीम आर्मी के संदीप कुमार, जय आदिवासी केंद्रीय परिषद निरंजना हेरेंज टोप्पो और चंदन हल्धर पाहन, आदिवासी मूलवासी जन अधिकार मंच के राजू महतो, अजय टोप्पो, सरना समिति छोटू उरांव सहित अन्य कई सगठनों के प्रतिनिधि व समर्थक उपस्थित थे।