नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने मराठा आरक्षण के मसले पर सुनवाई टाल दी है। कोर्ट इस मामले पर 9 मार्च को सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने इस बात का संकेत दिया कि मार्च से सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल सुनवाई शुरू हो सकती है।
सुनवाई के दौरान शुक्रवार को अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सुनवाई टालने की मांग की।
उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि मार्च से फिजिकल सुनवाई शुरू हो सकती है। इस मामले में दस्तावेजों की संख्या काफी अधिक है, इसलिए इस पर फिजिकल सुनवाई की जाए।
तब कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 9 मार्च को करने का आदेश दिया।
नौ दिसंबर 2020 को कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगे रोक के फैसले को वापस लेने से इनकार कर दिया था।
अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली इस बेंच में जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एस रविंद्र भट्ट शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर 2020 को महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर रोक लगाते हुए इस मामले को पांच जजों या उससे ज्यादा की संख्या वाली बेंच को विचार करने के लिए रेफर कर दिया था।
27 जून 2019 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा था, लेकिन इसे 16 प्रतिशत से कम कर दिया।
हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के 16 प्रतिशत आरक्षण को घटाकर शिक्षा के लिए 12 प्रतिशत और नौकरियों के लिए 13 प्रतिशत करते हुए यह पाया कि अधिक कोटा उचित नहीं था।