ED and Tamil Nadu Police : रिश्वत के मामले (Bribery Cases) में गिरफ्तार एक अधिकारी को लेकर दो सरकारी एजेंसियों में भिड़त (Clash Between Government Agencies) हो गई। मामला इतना ज्यादा गरमा गया कि एक दूसरे के खिलाफ केस करने की धमकी देने की बात होने लगी है।
दरअसल, तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) ने 1 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया था। निदेशालय का कहना था कि उसे डिंडीगुल जिले में एक डॉक्टर से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था।
अधिकारियों के अनुसार, अंकित तिवारी अपने ED अधिकारियों की टीम के साथ प्रवर्तन निदेशालय में उनके मामले को बंद करने के नाम पर कई लोगों को धमकी दे रहे थे और रिश्वत ले रहे थे।
अब इस रिश्वत के मामले में ED अधिकारी की गिरफ्तारी को लेकर ED और तमिलनाडु पुलिस (ED and Tamil Nadu Police) आमने-सामने हैं। ED के अधिकारी को तमिलनाडु में राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निदेशालय ने गिरफ्तार किया था।
ED के स्थानीय कार्यालय में तलाशी ली गई
अब तमिलनाडु सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के बीच खींचतान बढ़ गई है। इस मामले में ED अधिकारी के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी के मामले में दोनों एजेंसियों ने अलग-अलग जांच शुरू कर दी है।
ED का यह अधिकारी अभी हिरासत में है। केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में आरोपी अपने ही अधिकारी के खिलाफ जांच को नई दिल्ली मुख्यालय (New Delhi Headquarters) में शिफ्ट कर दिया है।
इस मामले में राज्य के सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी विभाग (DVAC) के अधिकारी भी आरोपी हैं। DVAC की तरफ से मदुरै में ED अधिकारी अंकित तिवारी को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद ED के स्थानीय कार्यालय में तलाशी ली गई थी।
एक दिन बाद, केंद्रीय एजेंसी (Central Agency) ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर राज्य सतर्कता अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए कहा। इसमें ED के परिसर में कथित अतिक्रमण की बात कही गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, ED ने DGP को लिखे अपने पत्र में दावा किया था कि 1 दिसंबर को बिना उचित तलाशी वारंट के 35 लोग अवैध रूप से मदुरै में उसके कार्यालय में घुस गए और संवेदनशील केस फाइलें ले गए।