Rice Price : सरकार अब भारत ब्रांड (Bharat Brand) के तहत 25 रुपए प्रति किलो पर चावल बेचेगी। चावल के दामों (Rice Prices) में आई तेजी को नियंत्रित करने के लिए सरकार ऐसा कर रही है। सरकार पहले से ही इस ब्रांड के तहत आटा और दालें बेचती है।
अभी देश में चावल की औसत कीमत 43 रुपए किलो है। इसे भारतीय नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया, (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India) नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन और केंद्रीय भंडार आउटलेट के माध्यम से बेचा जाएगा। एक सरकार अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
6 नवंबर 2023 को केंद्र सरकार ने 27.50 रुपए प्रति किलो की कीमत पर भारत आटा लॉन्च किया था। इसे 10 किलो और 30 किलो के पैक में उपलब्ध कराया गया है। गेहूं की बढ़ती कीमत की वजह से यह फैसला लिया गया था। अभी देश में आटे की औसत कीमत 35 रुपए किलो है।
खाने-पीने की महंगाई नवंबर में 8.70 प्रतिशत हो गई
नवंबर में अनाज की कीमतें बढक़र 10.27 प्रतिशत हो गईं, जिससे खाने-पीने की महंगाई नवंबर में 8.70 प्रतिशत हो गई, जबकि पिछले महीने यह 6.61 प्रतिशत थी। वहीं रिटेल महंगाई तीन महीने की गिरावट के बाद नवंबर में बढक़र 5.55 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। महंगाई का बढऩा और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है।
अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वह ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और Demand के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है।
सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की Shortage महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी।
एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट (Retail Market) से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (Consumer Price Index) यानी CPI करता है।
हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मेन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें भी होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 300 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है।