नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान 6 फरवरी को ‘चक्का जाम’ करने जा रहे हैं। किसान यूनियनों का कहना है कि यह ‘चक्का जाम’ देशव्यापी होगा।
इस दौरान प्रमुख सड़कों पर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच गाड़ियां नहीं चलने दी जाएंगी। सिंघु बॉर्डर के पास 1 फरवरी को हुई बैठक में इसपर अंतिम फैसला हुआ था।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि “जो लोग यहां नहीं आ पाए, वो अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा।
किसानों के मुताबिक सभी नैशनल और स्टेट हाइवेज पर चक्का जाम होगा। प्रमुख सड़कों पर कोई गाड़ी नहीं चलने दी जाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, आंदोलन कर रहे 26 जनवरी के बाद से किसानों के कई ट्रैक्टरों, वाहनों को जब्त किया गया है। दिल्ली बॉर्डर के आसपास की जगहों को पूरी तरह ब्लॉक किया जा रहा है।
धरनास्थलों और आसपास की बिजली, पानी की आपूर्ति और इंटरनेट सेवा बंद करने केखिलाफ यह चक्काजाम किया जा रहा है।
भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय के मुताबिक, इस चक्का जाम से किसान दिखना चाहते हैं कि वे एकजुट हैं। राय ने कहा, “पूरा देश किसानों के साथ है। हमें सरकार को अपनी ताकत दिखानी है।
उन्होंने कहा कि सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता पूरे चक्का जाम को कोऑर्डिनेट करेंगे।
किसान नेताओं के मुताबिक, दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम खत्म होगा तो वे एक साथ एक मिनट के लिए अपनी गाड़ियों के हॉर्न बजाएंगे।
वैसे तो दिल्ली में चक्का जाम नहीं है लेकिन फिर भी पुलिस की तैयारी पूरी है।
चक्का जाम का सबसे ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिखने की संभावना है। ऐसे में वहां की पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है।