Ranchi MLA on Jharkhand Coalition Government: झारखंड गठबंधन सरकार (Jharkhand Coalition Government) की विफलता के चार वर्ष पर रांची विधायक CP Singh ने कहा कि गठबंधन सरकार स्थानीय नीति, नियोजन नीति बहाल नहीं कर पाई। सरकार द्वारा बनाए गए स्थानीय नीति को न्यायालय ने भी खारिज कर दिया है।
इससे स्पष्ट है कि वर्तमान सरकार केवल आम जनता को ठगने का कार्य कर रही है। इन्होंने कोई नीति तैयार नहीं किया है उनकी नीतियों में भी कूटनीति समाहित होती है, जिसका खामियाजा झारखंड के लोग भुगत रहे। झारखंडी युवाओं को हेमंत की सरकार (Hemant Government) ने भरपूर ठगने का कार्य किया।सत्ता में आने से पूर्व 2019 को नियुक्ति वर्ष कहा था परंतु यह सरकार एक भी नियुक्ति स्वयं से नहीं कर पाई है।
यहां तक की जो भी नियुक्तियां अभी तक हुई है वह पूर्व की BJP सरकार रघुवर दास (Raghuvar Das) के द्वारा निकाली गई नियुक्तियां थी। सीपी सिंह शनिवार को शहरी क्षेत्र के गुदरी बाजार स्थित अटल भवन में प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से राज्य सरकार की चार वर्ष की विफलताओं को लेकर आरोप पत्र जारी किया।
SC एवं ST को स्थानीय रोजगार में आरक्षण
विधायक ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र के द्वारा दी गई राशि का खर्च नहीं कर पा रही है। साथ ही उसका हिसाब किताब प्रस्तुत नहीं करती और केंद्र पर राशि नहीं देने का आरोप लगाती है।
उन्होंने कहा कि स्नाकोत्तर को 7000 एवं स्नातक को 5000 रुपया प्रति महीने बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी। लेकिन एक पैसा नहीं दिया। महिलाओं को निशुल्क शून्य से पी.एच डी तक शिक्षा की बात कही थी उसे पूर्ण करने के बजाय पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा दिए जा रहे हैं महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाओं को इन्होंने बंद कर दिया।
SC एवं ST को स्थानीय रोजगार में आरक्षण (Reservation) की बात कही थी वह भी नहीं लागू कर पाए।
सरकार का आपके द्वार कार्यक्रम दिखावा
उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री को ED लगातार सम्मन भेज रही है और यह उपस्थित नहीं हो रहे इससे आम जनता में गलत संदेश सरकारी एजेंसियों के प्रति जा रहा है। हम सभी जिम्मेदार व्यक्ति हैं हमें सरकारी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है।
मुख्यमंत्री का बार-बार इस प्रकार से बहाने बनाना गलत है। कल कोई भी नागरिक इसी को सीख मानकर थाना के बुलावे, एसीबी के बुलावे को नकार सकता है। आज लोग अपनी पेंशन (Pension) को लेकर परेशान है किसी का एक वर्ष तो किसी का दो वर्ष से खातों में पैसे नहीं आ रहा है।बहाना यह है कि वह जीवित है या नहीं प्रमाण नहीं मिल रहा है।
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम दिखावा साबित हो रहा हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के किसान भी परेशान हैं, फसल बीमा का भी पैसा प्राप्त नहीं हो पा रहा है। किसान दफ्तरों में जाता है तो उधर बताया जाता है कि आपका Online ही नहीं हुआ। जबकि किसान सारे कागजात पहले जमा कर दिए हैं। अब वह दफ्तरों के चक्कर काट निराशा घर को जा रहे हैं।