Ranchi Alcatraz Scandal: झारखंड हाई कोर्ट ने चर्चित अलकतरा घोटाला में 1.08 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी कौशल्या इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के निदेशक महेश मेहता (Mahesh Mehta) (67) के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई है।
महेश मेहता की ओर से हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई है, जिस पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश राजेश कुमार की कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी निर्धारित किया है।
ED ने इस मामले को अपने हाथों में लिया
बीते 21 जुलाई को ED के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज किया था।
कौशल्या इंफ्रास्ट्रक्चर (Kaushalya Infrastructure) को 30 किमी लंबी परवा- गढ़वा रोड के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का काम रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट, डालटेनगंज की ओर से दिया गया था।
इस मामले में आरोप लगाया गया है कि कंपनी द्वारा अलकतरा के करीब एक करोड़ आठ लाख रुपये का फर्जी बिल रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में जमा किया गया। इस मामले की पहले CBI जांच कर रही थी। बाद में ED ने इस मामले को अपने हाथों में लिया।
याचिकाकर्ता में ED ने छह आरोपितों महेश मेहरा एवं नागवंत पांडेय सहित कौशल्या इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड, कौशल्या टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड, कौशल्या निर्माण प्राइवेट लिमिटेड, बंगाल KDC हाउसिंग डेवलपमेंट लिमिटेड (KDC Housing Development Limited) के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिस पर ED कोर्ट ने संज्ञान लिया है।