कोलकाता: ममता बनर्जी का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले राज्य के पूर्व वन मंत्री राजीव बनर्जी के खिलाफ “वन सहायक” नियुक्ति में भ्रष्टाचार की जांच संबंधी सहमति मंत्रिमंडल ने दी है।
इसके पहले उत्तर बंगाल की रैली से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच की घोषणा की थी।
शुक्रवार को विधानसभा में अंतरिम बजट पेश करने से पहले मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें राजीव के खिलाफ जांच की सहमति दी गई।
मंत्रिमंडल ने स्पष्ट किया कि वन सहायकों की नियुक्ति जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए की गई थी वह पूरा नहीं हो सका, क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है और इसकी जांच जरूरी है।
नियुक्ति के समय राजीव बनर्जी ही राज्य के वन मंत्री थे, इसलिए उन्हीं के खिलाफ नियुक्ति में अनियमितता बरतने के आरोप हैं और जांच होगी।
उल्लेखनीय है कि राजीव बनर्जी इस मामले में पहले ही स्थिति स्पष्ट करते हुए कह चुके हैं कि खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फोन कर इन पदों पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और कर्मियों को नियुक्त करने का आदेश दिया था।
उन्होंने यह भी कहा था कि सीएम के फोन रिकॉर्डिंग से लेकर तृणमूल कर्मियों और नेताओं की नियुक्ति संबंधी सिफारिशों की प्रति संजोकर रखे हैं।