Ranchi Political News: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से ED की पूछताछ के दौरान 500 से अधिक CRPF के जवानों लगाने पर सवाल उठाया है।
JMM ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने एक सोची समझी रणनीति के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन () लगाने की साजिश रची थी।
अगर JMM कार्यकर्ता संयम न बरते तो हिंसक परिस्थिति उत्पन्न हो सकती थी। रविवार को JMM के महासचिव विनोद पांडेय और सुप्रियो भट्टाचार्य ने संयुक्त रुप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह सूचना मिली है कि यह कृत्य एक सोची समझी साजिश थी। इसमें CRPF IG भी शामिल थे। वे चाहते थे कि CRPF और JMM कार्यकर्ता के बीच मारपीट हो जाये।
JMM कार्यकर्ता उग्र होकर CRPF पर हमला कर दे तो राज्य सरकार पर संवैधानिक तंत्र की विफलता का आरोप लगाकर राष्ट्रपति शासन के हालात पैदा किया जा सके। पार्टी ने राज्य सरकार से CRPF IG की भूमिका की जांच की मांग की है, नहीं तो आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
ईडी के अनुरोध पर ही राज्य सरकार की ओर से विधि-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए रांची जिला प्रशासन ने ED के अधिकारियों की सुरक्षा, उनके कार्यालय की सुरक्षा, उनके परिवार की सुरक्षा एवं विधि-व्यवस्था संभालने के लिए करीब 2000 पुलिस एवं वरीय दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की थी।
इस दौरान आम जनता और JMM कार्यकर्ताओं के जरिये केंद्र की जांच Agencies के पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
इसे देखते हुए पुन: जिला प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए CM हाउस के 500 मीटर की दूरी पर धारा-144 लगा दिया। लेकिन इसी बीच अचानक CRPF के सैकड़ों जवानों को बस में भरकर बिना किसी अनुमति या सूचना के मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश कराने का प्रयास किया गया।
JMM ने राज्य सरकार से मांग की है कि CRPF IG , कमांडेट एवं उनके अन्य वरीय पदाधिकारियों पर इस असंवैधानिक (Unconstitutional) कार्य के लिए सख्त कानूनी कारवाई करते हुए एक उच्च स्तरीय जांच करा कर पूरे साजिश का भांडा फोड़ किया जाए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो झामुमो आंदोलन के लिए मजबूर होगा।