Ramgarh News: 12 साल की दिव्यांग बालिका ने अपराधियों के चंगुल से बचकर वह हिम्मत दिखाई है, जो शायद एक आम नागरिक ना दिखा पाए। उस बेसहारा बच्ची को Ramgarh में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (Child Welfare Committee) ने सहारा दिया।
उस बच्ची की पहचान बोकारो जिला निवासी विपिन बनर्जी की पुत्री पूर्णिमा बनर्जी (Purnima Banerjee) के रूप में हुई है। पूर्णिमा को उस वक्त CWC ने अपने कब्जे में लिया, जब वह अनुमंडल कोर्ट के पास पहुंची थी।
वहां के अधिवक्ताओं ने पूर्णिमा की तस्वीर ली और Social Media पर उसे वायरल किया। जब Child Welfare Committee को इसकी सूचना मिली तो उसके सदस्य भी तत्काल अनुमंडल कोर्ट पहुंचे और उस 12 वर्षीया पूर्णिमा बनर्जी को अपने साथ लेकर गए।
हत्या करने की मंशा से उठाई गई थी 12 साल की बच्ची
इस पूरे मामले में समाज कल्याण पदाधिकारी कनकलता तिर्की ने बताया कि पूर्णिमा को बेहद ही सुरक्षित तरीके से रखा गया है। पूछताछ के दौरान उस दिव्यांग बच्ची ने बताया कि कुछ आपराधिक तत्व के लोगों ने उसे जबरन उठाया था।
उन अपराधियों की मंशा उस बच्ची की हत्या (Murder) करने की थी। लेकिन अपनी सूझबूझ और हिम्मत के साथ उस बच्ची ने खुद अपनी जान बचाई और उनके चंगुल से भाग निकलने में सफल रही।
वह बच्ची जब अपराधियों के कब्जे से बाहर निकली, तो वह भागते हुए रामगढ़ अनुमंडल कोर्ट (Ramgarh Sub-Divisional Court) के पास पहुंची। वहां अधिवक्ताओं ने उसे सुरक्षित किया। फिलहाल उस बच्ची को रामगढ़ के डिवाइन ओंकार मिशन में रखा गया है जहां उसका पूरा ख्याल रखा जाएगा।
48 घंटे के अंदर नहीं मिले परिजन तो अखबार में छपेगा इश्तिहार
समाज कल्याण पदाधिकारी कनकलता तिर्की ने बताया कि उस बच्ची के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। अगर 48 घंटे के अंदर उसके परिजन से संपर्क नहीं हो पता है तो अखबार में एक गुमशुदा इश्तिहार छपवाया जाएगा।
अगर कोई परिवार सामने आता है तो उसकी पूरी छानबीन की जाएगी। विभाग का उद्देश्य यह है कि वह बच्ची सुरक्षित अपने परिवार के पास पहुंच जाए।