Youth Arrested for Embryo Test: कोडरमा (Koderma) जिले के मुख्य शहर झुमरीतिलैया (Jhumritilaiya) में भ्रूण जांच के गोरखधंधा संचालित का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।
जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग (Health Department) व पुलिस की संयुक्त टीम ने रविवार (18 फरवरी) को शहर के विशुनपुर रोड स्थित एक मकान में छापेमारी कर पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन, लैपटॉप व मोबाइल के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान पवन कुमार यादव (36), पिता राजू यादव, निवासी विशुनपुर रोड तिलैया के रूप में हुई है। इसके पास से 14 बैंकों के चेकबुक भी बरामद हुए हैं। पुलिस गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर रही है। इसके बाद इस मामले में कई और खुलासे होने का अनुमान है।
जानकारी के अनुसार, कोडरमा जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि विशुनपुर रोड स्थित एक मकान में Portable Ultrasound Machine की मदद से लिंग परीक्षण किया जाता है। इससे भ्रूण की भी जांच भी की जाती है। सूचना पर SDO रिया सिंह (SDO Riya Singh) के नेतृत्व में टीम ने रविवार को छापेमारी की।
बताया जाता है कि टीम के सदस्य जब सीढ़ियों से छत पर जाने लगे, तो सीढ़ी के ऊपर पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन फेंकी मिली। टीम ने जांच में इस्तेमाल होने वाले प्रोब को पानी टंकी के अंदर से बरामद किया।
इसके अलावा एक लैपटॉप, मोबाइल फोन व अलग-अलग बैंकों के चेकबुक भी बरामद हुए। इतना ही नहीं, यह भी पता चला है कि जब तक पुलिस और प्रशासन की टीम अंदर दाखिल हुई, आरोपी ने काफी हद तक साक्ष्य को मिटाने का प्रयास किया।
आरोपी के यहां से बरामद अल्ट्रासाउंड मशीन व उसके मोबाइल फोन के कॉल डिटेल्स की विस्तृत जांच से कई राज खुल सकते हैं। यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आरोपी कब से इस गोरखधंधा में लिप्त था। किन-किन लोगों ने उसकी मदद की।
बताया जाता है कि आरोपी पवन कुछ वर्ष पूर्व शहर में संचालित संस्थान में अल्ट्रासाउंड करने का काम करता था। उक्त अल्ट्रासाउंड के बंद होने के बाद उसने यह गोरखधंधा शुरू किया। करीब चार-पांच वर्षों से वह इस काम में लिप्त था।
जानकारी यह भी सामने आई है कि कोडरमा व आसपास के क्षेत्र में पोर्टेबल अल्ट्रासांड मशीन के सहारे भ्रूण जांच का यह खेल लंबे समय से चल रहा था। पोर्टेबल मशीन को मारुति कार व अन्य वाहन में रखकर अन्यत्र ले जाते थे और दूर जाकर भ्रूण परीक्षण किया जाता था। बदले में हजारों रुपए लेता था।
सामान्य रूप से जांच की सुविधा देने के लिए 4,000 रुपए या इससे अधिक भी लिए जाते थे। Portable Machine से भ्रूण की जांच की सूचना पर एक वर्ष पहले भी जिला प्रशासन ने अलग-अलग जगहों पर छापेमारी (Raid) की थी। उस समय कोई पकड़ में नहीं आया था।