Byju’s News: ट्यूटरिंग स्टार्टअप (Tutoring Startup) कंपनी Byju’s से जुड़ी बड़ी खबर। इसके कुछ की-इन्वेस्टर्स के एक ग्रुप ने शुक्रवार को Extraordinary General Meeting की।
इस दौरान प्रोसस एनवी (और पीक एक्सवी पार्टनर्स समेत बायजूस के प्रमुख शेयरहोल्डर्स ने कंपनी के सीईओ रवींद्रन बायजू और उनकी फैमिली को कंपनी के बोर्ड से बाहर करने को लेकर वोट किया।
इसके बाद एक समय बेहद चर्चा में रहे ऑनलाइन ट्यूटरिंग स्टार्टअप कंपनी के भविष्य को लेकर संकट बढ़ गया है। बिजनेस में बने रहने के लिए कंपनी पहले से ही मुश्किल दौर से गुजर रही है। हालांकि, कंपनी ने रेजोल्यूशन को खारिज कर दिया है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा- बायजूस ने उन प्रस्तावों को खारिज कर दिया, जिसमें बायजूस के फाउंडर और रवींद्रन को 2015 में स्थापित कंपनी के बोर्ड से हटाने की मांग की गई थी। बयान के अनुसार, Extraordinary जनरल मीटिंग के दौरान चुनिंदा शेयरहोल्डर्स के एक छोटे ग्रुप ने हिस्सा लिया था। ऐसे में कोई भी रेजोल्यूशन पास करना अमान्य और अप्रभावी है।
शेयरहोल्डर्स का फैसला शुक्रवार को इंवेस्टर्स और मैनेजमेंट के लिए घंटों तक चले हंगामेदार ज़ूम कॉल के बाद आया। इस मीटिंग में हिस्सा लेने वाले लोगों के मुताबिक, बायजूज के कई स्टाफ ने इसे बीच में क्रैश करने यानी काटने की कोशिश की। ज़ूम कॉल के दौरान कई बार अज्ञात पार्टिसिपेंट ने सीटी और अन्य तेज़ आवाज़ों के साथ काम में रूकावट डाला।
इससे पहले दिन के दौरान, बायजूस के 4 निवेशकों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की बेंगलुरु बेंच के समक्ष एक मुकदमा दायर किया। निवेशकों ने बेंच से आग्रह किया कि रवींद्रन उस फर्म को चलाने के लिए अयोग्य हैं जो एक समय भारतीय स्टार्टअप की गौरवशाली कहानी का प्रतीक थी। रवींद्रन ने कथित तौर पर स्टाफ को सैलरी देने के लिए फंड जुटाने के लिए अपने घर के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाले घर को भी गिरवी रख दिया है।
बता दें कि एड-टेक कंपनी बायजूस को वित्त वर्ष 2022 में 8,245 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। वित्त वर्ष 2021 में घाटा 4,564 करोड़ रुपये था। यानी कंपनी का घाटा करीब-करीब दोगुना हो गया है। इस दौरान कंपनी का टोटल रेवेन्यू 5,298 करोड़ रुपये रहा। 2021 में रेवेन्यू 2,428 करोड़ रुपये था। यानी रेवेन्यू में 118% का उछाल आया है।
इस बीच बायजूस की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने कंपनी रजिस्ट्रार के पास अपनी Audited Financial Report दाखिल की है। रवींद्रन और उनकी फैमिली की कंपनी में लगभग 26% हिस्सेदारी है।