चेन्नई/रांची: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Jagannath Mahato) को एमजीएम अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। लंबे समय से एमजीएम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
आज 111 दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए हैं। करीब चार महीने तक अस्पताल में भर्ती रहे।
छुट्टी मिलने के बाद वे चेन्नई में ही सात दिनों तक रहेंगे।
इस बीच, उनका परिवार भी उनसे मिलने चेन्नई पहुंचा हुआ है। जगरनाथ महतो का चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां नवंबर में उनके फेफड़े का ट्रांसप्लांट किया गया था।
इसके बाद लगातार उनकी तबीयत में सुधार हो रहा था। डॉक्टरों ने उन्हें जनवरी में ही छुट्टी दे दी थी, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कुछ और दिन रहने की सलाह दी थी।
इसके बाद वे वहां पर डॉक्टरों की निगरानी में थे और लगातार डॉक्टरों की सलाह पर व्यायाम कर रहे थे।
लंग्स ट्रांसप्लांट के बाद धीरे-धीरे उनकी स्वास्थ्य में सुधार हुआ। पिछले दिनों एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि लंग्स ट्रांसप्लांमट उनके लिए बड़ी चुनौती थी।
लौटने के बाद शिक्षा मंत्री के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी
ऐसे में स्वस्थ हो कर झारखंड लौटने के बाद शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है।
उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वे झारखंड लौटने और स्वस्थ होने के बाद पारा शिक्षकों के लिए काम करेंगे। इस पर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने राज्य के सभी पारा शिक्षकों से धैर्य रखने की अपील की है।
रविवार को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के अपील पर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा से आंदोलन वापस लिया है।
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के झारखंड लौटने के बाद पारा शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल मिलेगा और उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
डॉक्टरों के अनुसार, रांची पहुंचने के बाद उन्हें कई तरह की सावधानियों के साथ रहन होगा। उन्हें गंदगी और एलर्जी वाले स्थानों से दूर रहना होगा।
साथ ही कम से कम लोगों के बीच उन्हें फिलहाल रहने की सलाह दी गयी है, जिससे उन्हें किसी तरह का संक्रमण न हो। इसके अलावा दवाओं का पूरा कोर्स और बीच-बीच में डॉक्टरों से जांच कराना अनिवार्य होगा।