Brain Tumour Surgery in Apollo Hospital: मेडिकल क्षेत्र में वाकई यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। ऐसी तकनीक का विकास जिसके माध्यम से अब महज 30 मिनट में ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumour) से निजात पाना संभव है।
यह एक ऐसी अत्याधुनिक तकनीक से मुमकिन हुआ है, जिसे पूरे दक्षिण एशिया में पहली बार भारत में Apollo हॉस्पिटल्स (Apollo Hospitals) ने शुरू किया है। ज़ैप एक्स (Zap-X) नाम की यह तकनीक सीधे तौर पर Tumour को तोड़ने का काम करती है।
अस्पताल के मुताबिक, 30 मिनट के सेशन में मरीज को इस प्रक्रिया के तहत कोई दर्द या किसी तरह का दुष्प्रभाव नहीं होने वाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक आने वाले दिनों में Brain Tumour के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
चीर-फाड़ के बिना ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी
Zap-X तकनीक Brain Tumour के इलाज में एक क्रांतिकारी चमत्कार है। यह मरीजों को केवल 30 मिनट तक चलने वाले सेशन के साथ एक दर्द-मुक्त विकल्प प्रदान करता है। यह तकनीक सीधे Tumor पर लेजर को सटीक रूप से केंद्रित करती है। यह मस्तिष्क के स्टेम, आंखों और Optic तंत्रिकाओं का विकिरण से बचाव भी करती है।
डॉक्टरों के मुताबिक, यह तकनीक प्राथमिक और Metastatic Brain Tumor, Arteriovenous Malformation (AVM), Trigeminal Neuralgia, Parkinson’s Disease, , मिर्गी और अन्य इंट्राकैनियल घावों जैसे मेनिंगियोमास, ध्वनिक न्यूरोमास और पिट्यूटरी एडेनोमास जैसे विकारों के इलाज में सक्षम है।
ये तकनीक क्या है?
Apollo Hospitals Group के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. प्रताप चंद्र रेड्डी ने बताया कि ‘चार दशकों से अधिक समय से अपोलो हॉस्पिटल्स स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सबसे आगे रहा है और अपनी असाधारण देखभाल के लिए लगातार सीमाओं को चुनौती दे रहा है. इस परंपरा को कायम रखते हुए हमने ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए डिज़ाइन एक नवीन तकनीक Zap-X का अनावरण किया।
यह नया दृष्टिकोण विकिरण के न्यूनतम जोखिम के साथ 30 मिनट तक चलने वाले गैर-आक्रामक, दर्द-मुक्त सत्र की अनुमति देता है. Zap-X उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ आता है, जिसमें तत्काल त्रुटि का पता लगाना और विकिरण रिसाव को कम करना संभव है। यह उपचार के बाद रोगी की भलाई और जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, OPD में भी यह संभव होगा, जिससे रोगियों को काफी आसानी मिलेगी।
Zap-X तकनीक में कम साइड इफेक्ट
Zap-X तकनीक में कुछ मस्तिष्क ट्यूमर के लिए सर्जिकल इंटरवेंशन की आवश्यकता नहीं होती है। यह दर्द रहित और कम उपचार अवधि के लिए फ्रेमलेस, पिनपॉइंट सटीकता और वास्तविक समय छवि मार्गदर्शन प्रदान करता है।
साथ ही मरीजों की सुरक्षा को भी बढ़ाता है। इस तकनीक ने कम से कम दुष्प्रभावों के साथ प्रभावी नियंत्रण और सुरक्षा के लिए बीते 10 वर्षों में 95% से अधिक नियंत्रण दर प्राप्त की है। साथ ही छोटे ट्यूमर के मामलों में बीते पांच साल में असाधारण 99.4% नियंत्रण दर हासिल की है।
इस तकनीक की लॉन्चिंग के मौके पर Stanford School of Medicine के न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर और जैप सर्जिकल के संस्थापक एवं सीईओ प्रो. जॉन आर एडलर ने बताया कि, ‘Stereotactic Radiosurgery पिछली शताब्दी की सबसे महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रगति में से एक है। मरीजों को अब दुर्बल करने वाली Surgical Surgery का अनुभव नहीं करना पड़ेगा। इतना ही नहीं अब पूरे मस्तिष्क को रेडियोथेरेपी से गुजरने के कारण संज्ञानात्मक क्षमता नहीं खोनी पड़ेगी।
Zap-X रेडियो सर्जरी के साथ मरीजों को अब एक आउट पेशेंट सेटिंग में जल्दी से इलाज किया जा सकता है और बिना किसी चीरफाड़ और दर्द वह उसी दिन अपने घर लौट सकता है।’
ट्यूमर के ऑपरेशन में 4 घंटे लगते हैं
आमतौर पर ट्यूमर का ऑपरेशन करीब तीन से चार घंटे तक चलता है, जबकि Zap-X तकनीक 30 मिनट के एक सत्र में उपचार कर देती है। एक ही दिन में उपचार और मरीज की घर वापसी संभव है।
अभी तक पांरपरिक सर्जरी में ऐसा नहीं होता है, क्योंकि ऑपरेशन के करीब चार से सात दिन अस्पताल में रुकना होता है। इस नई तकनीक के लिए मरीज को Anaesthesia की जरूरत भी नहीं पड़ती है। यह मरीजों के लिए और भी बड़ी सुविधा है।