Fake cancer Medicine: कैंसर (Cancer) जैसी जानलेवा बीमारी की दवाई बनाने में भी घपलेबाजी अत्यंत चिंताजनक विषय है। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की अपराध शाखा ने जीवन रक्षक कैंसर कीमोथेरेपी की नकली दवाएं बनाने वाले गिरोह के 7 लोगों को अरेस्ट किया।
इसमें एक प्रतिष्ठित कैंसर अस्पताल के दो कर्मचारी भी शामिल हैं। आरोपियों से करीब चार करोड़ रुपये कीमत की 47 अंतरराष्ट्रीय और दो भारतीय ब्रांड की नकली दवाएं, भारी मात्रा में खाली शीशी, पैकेजिंग मैटेरियल और मशीन से जुड़े उपकरण बरामद किए हैं।
क्राइम ब्रांच की Special Commissioner शालिनी सिंह ने बताया कि कैंसर की नकली दवाएं बनाने वाले एक गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी।
सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने चार अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर गिरोह से जुड़े सात लोगों को दबोच लिया। इनकी पहचान विफिल जैन, सूरज शात, नीरज चौहान, परवेज, तुषार चौहान, कोमल तिवारी और अभिनय कोहली के रूप में हुई।
उन्होंने बताया कि मोतीनगर स्थित DLF कैपिटल ग्रीन्स के दो फ्लैट में कैंसर की नकली दवाइयां बनाई जा रही थीं। यहां दवा को शीशियों में भरने का काम किया जा रहा था।
गिरफ्तार आरोपियों में एक प्रतिष्ठित कैंसर अस्पताल में काम करने वाले दो कर्मचारी भी
जबकि गुरुग्राम स्थित साउथ सिटी के एक फ्लैट में Fake Injection और दवा की शीशी का स्टॉक कर रखा था। पुलिस ने यमुना विहार स्थित प्रतिष्ठित कैंसर अस्पताल में छापेमारी (Raid) कर कोमल तिवारी और अभिनय कोहली को गिरफ्तार किया। ये दोनों आरोपी पांच हजार रुपये प्रति शीशी के कीमत पर खाली शीशियां उपलब्ध करवाते थे।
आरोपी विफिल जैन यूपी के जिला बागपत का मूल निवासी है। उसने सीलमपुर में एक मेडिकल स्टोर पर काम करना शुरू किया। इसके बाद वह थोक बाजार से स्थानीय मेडिकल स्टोर को दवाइयों की आपूर्ति करने लगा।
पुलिस ने बताया कि आरोपी को 2-3 साल पहले इस्तेमाल हो चुके कैंसर इंजेक्शन में नकली माल भरकर दोबारा से बेचने का आइडिया आया था।
वह खाली शीशियां लेता था और उनमें ‘फ्लूकोनाजोल’ (एक एंटी-फंगल दवा जिसकी कीमत 100 रुपये है) भरकर इसकी पैकेजिंग अलग-अलग ब्रांड के नाम से करता था। इसके बाद इसे एक से तीन लाख रुपये में बेच देता था।
यूपी के बागपत निवासी आरोपी नीरज चौहान ग्रेजुएट है। वह 2022 में विफिल जैन के साथ जुड़ा। वह मेडिकल टूरिज्म की कंपनी चलाता था और उन लोगों को टारगेट करता था, जो कैंसर के इलाज के लिए भारत आते थे।
उन्हें नकली Chemotherapy Injection Supplies करता था और अपने चचेरे भाई तुषार के जरिए बाजार में भी इसकी सप्लाई करता था। वहीं, आरोपी परवेज दिल्ली के प्रतिष्ठित Cancer Hospital का पूर्व फार्मासिस्ट है।
वह आरोपी कोमल तिवारी के साथ मिलकर विफिल जैन को इंजेक्शनों की खाली और भरी हुई शीशी सप्लाई करता था। आरोपी अभिनय कोहली Pharmacist है। वह भरी हुई शीशियों का सप्लायर है। इस तरह सभी आरोपी एक दूसरे के सहयोग से इतने बड़े घृणित काम को अंजाम दे रहे थे।