Prisoners Talk to Families through VC: चंपाई सोरेन (Champai Soren) सरकार राज्य की तीन जेलों पर 2.82 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस राशि से इन तीनों जेलों में निर्माण और मरम्मत कार्य होंगे।
जिन जेलों के लिए यह राशि खर्च होनी है, उनमें रांची, Jamshedpur और सरायकेला जेल शामिल हैं। इसे लेकर झारखंड सरकार के गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने राशि का आवंटन कर दिया है।
गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि आवंटित की गयी राशि की निकासी और उसे निर्धारित कार्य पर खर्च करने के संबंधित पदाधिकारी Jail Superintendent होंगे।
जेल सुप्रिंटेंडेंट, जिला कोषागार से राशि की निकासी कर Jharkhand Police Housing Corporation के अकाउंट में ट्रांसफर करायेंगे और इस संबंध में विभाग को रिपोर्ट करेंगे।
किस जेल पर कितनी राशि होगी खर्च
गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी किये गये आदेश के मुताबिक, कुल आवंटित 2.82 करोड़ रुपये में से रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार पर 1.36 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
वहीं, जमशेदपुर स्थित घाघीडीह केंद्रीय कारा पर 72.38 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे। जबकि, सरायकेला स्थित मंडल कारा पर 74.24 लाख रुपये खर्च होंगे।
जेल में बंद कैदी वीडियो कॉलिंग पर अपने परिजनों से कर सकेंगे बात
इधर, सरकार ने कैदियों को लेकर एक और फैसला लिया है। इसके तहत घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद कैदी जल्द ही वीडियो कॉलिंग पर अपने परिजनों से बात कर पायेंगे।
जानकारी के मुताबिक, यह प्रक्रिया राज्य स्तर पर शुरू होनेवाली है। बता दें कि Lockdown के समय कैदियों और उनके परिजनों के लिए यह सुविधा शुरू की गयी थी। अब इस सुविधा को फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया है।
बस इसके लिए कैदियों के परिजनों को अपने मोबाइल से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। बंदियों से मुलाकात के लिए परिजनों को जेल गेट पर नहीं आना पड़ेगा।
ऐसे होगी कैदियों और उनके परिजनों के बीच बात
वीडियो कॉलिंग पर बात करने के लिए कैदी के परिजनों को ई-मुलाकात के लिए अपने मोबाइल ब्राउजर में ई-मुलाकात ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद उसमें एक फॉर्म खुलेगा। इसको पूरा भरने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विकल्प आयेगा। इसमें (1) का टिक लगाकर सबमिट करना होगा।
इसके बाद मोबाइल और ई-मेल पर OTP भेजा जायेगा। OTP डालने के बाद OK बटन दबाना पड़ेगा। अगर भरी गयी जानकारी सही होगी, तो जेल प्रबंधन द्वारा ई-मुलाकात के लिए तिथि और मुलाकात का स्लॉट आवंटित किया जायेगा। ई-मुलाकात की स्वीकृति मिलने पर मोबाइल पर इसका मैसेज मिलेगा।
मैसेज मिलने पर उसमें दिये गये लिंक/URL पर क्लिक करना पड़ेगा। इसके बाद छह अंकों का OTP और चार अंक का रूम पिन पासवार्ड डालना होगा।
प्रक्रिया पूरी होने पर कैदी और उसके परिजन स्वतः कनेक्ट हो जायेंगे और ई-मुलाकात कर पायेंगे।
इतना ही नहीं, अगर किसी के पास मोबाइल नहीं है, तो उस बंदी के परिजन को यह सुविधा प्रज्ञा केंद्रों से दी जायेगी। प्रज्ञा केंद्र से सीधा उनका Registration होगा और उसके आधार पर बंदी परिजनों से बातचीत कर पायेंगे। इस संदर्भ में एक पत्र विभिन्न जेलों को भेजने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।