Rajya Sabha Member Kapil Sibal: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में सात चरणों में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) होने से यह बात साबित होती है कि निर्वाचन आयोग “सरकार का एक अंग” है।
सिब्बल ने हाल ही में दो निर्वाचन आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस तथ्य के बावजूद नियुक्त किया गया कि संविधान पीठ के फैसले में कहा गया है कि भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) को भी उस समिति का सदस्य होना चाहिए जो नियुक्तियों के नामों की सिफारिश करती है।
उन्होंने ‘PTI वीडियो’ को बताया, “जहां तक सात चरणों (देश में लोकसभा चुनाव) का सवाल है, इसकी उम्मीद थी।”
सिब्बल ने आरोप लगाया, “वास्तव में जिस तरह से उन्होंने इन दोनों निर्वाचन आयुक्तों को इस तथ्य के बावजूद नियुक्त किया कि संविधान पीठ के फैसले में कहा गया है कि CJI को भी समिति का सदस्य होना चाहिए।
जिस तरह से उन्होंने उच्चतम न्यायालय में चुनौती लंबित होने के बावजूद संविधान पीठ के फैसले को खारिज कर दिया और जिस तरह से उन्होंने नियुक्ति को आगे बढ़ाया, उससे यही पता चलता है कि उनकी मंशा वहां अपने लोगों को रखने की थी।”
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सात चरणों का चुनाव इस बात का सबूत है कि निर्वाचन आयोग “सरकार का एक अंग” है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे और उसके बाद 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को विभिन्न चरण में मतदान किया जाएगा।
तीन राज्यों- बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश- में सभी सातों चरणों में मतदान होगा।
तृणमूल कांग्रेस ने अमीर पार्टियों को “अनुचित लाभ” होने का दावा करते हुए, सात चरणों में चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर निराशा व्यक्त की थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के समन और बीआरएस नेता के. कविता की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि इस सरकार का पूरा इरादा यह सुनिश्चित करना है कि सभी विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए ताकि वे प्रचार नहीं कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) की प्रशंसा पर सिब्बल ने कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार के प्रति अपनी “अटूट निष्ठा” के लिए ईडी की प्रशंसा करनी चाहिए।
सिब्बल ने कहा, “मुझे कहना होगा कि इस सरकार के प्रति ईडी की वफादारी अटूट है और वास्तव में इसकी सराहना की जानी चाहिए।”
चुनावी बॉण्ड मामले पर राज्यसभा सदस्य ने कहा कि तथ्य इस देश के लोगों के सामने हैं।
उन्होंने कहा, “आप किसी व्यक्ति पर छापा मारते हैं, किसी व्यक्ति के खिलाफ ED की कार्यवाही शुरू करते हैं, कुछ महीनों के भीतर वह Electoral Bond खरीदता है और उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी को देता है।”
सिब्बल ने कहा, “वे संविधान के विपरीत देश चला रहे हैं। तो आइए देखें कि अदालतें क्या करती हैं।”