रांची: झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी की बैठक बुधवार को होगी, जो 2020-21 में परियोजना कार्यकारिणी की पहली बैठक है।
कार्यकारिणी की पिछली बैठक मार्च 2020 में हुई थी। इसमें पारा शिक्षकों की प्रस्ताक्ति सेवा शर्त नियमावली को लेकर चर्चा होगी।
प्रावधान के तहत हर तीन महीने पर कार्यकारिणी की बैठक होनी है, पर कोरोना के चलते इस साल अब तक बैठक नहीं हुई थी।
विधि विभाग दे चुका है अपनी राय
इससे पहले नियमावली में पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व वेतनमान को लेकर परीक्षा के स्वरूप पर विधि विभाग से राय ली गयी थी। बैठक में विधि विभाग की राय पर विचार किया जाएगा।
पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार के लिए गठित कमेटी ने शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल शिक्षकों को वेतनमान देने पर अपनी सहमति दी थी।
वैसे पारा शिक्षक जो शिक्षक पात्रता परीक्षा पास नहीं हैं, उनके लिए परीक्षा के स्वरूप पर विधि विभाग से राय लेने को कहा गया था। स्वीकृति मिलने पर पारा शिक्षकों को वेतनमान के लिए टेट पास करना जरूरी हो जाएगा।
बता दें की प्रशिक्षित पारा शिक्षकों ने वेतनमान देने और पारा शिक्षकों के रोके गए मानदेय के भुगतान की मांग को लेकर धुर्वा स्थित झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद कार्यालय के समक्ष सोमवार को धरना-प्रदर्शन किया था।
झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ के बैनर तले पारा शिक्षकों ने सभी जिलों में शून्य बायोमीटिक उपस्थिति के कारण तथा पलामू जिले के छतरपुर और नौडीहा बाजार प्रखंड के पारा शिक्षकों के रोके गए मानदेय भुगतान की मांग की।
साथ ही अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों के 22 माह से लंबित मानदेय भुगतान की भी मांग रखी।
इधर शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण पारा शिक्षकों के साथ-साथ 55,000 प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को भी आठ साल के अनुभव के आधार पर वेतनमान मिले। इसके लिए पारा शिक्षकों ने सरकार को दो माह का समय दिया है।
देर शाम पारा शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल की राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया के साथ भी वार्ता हुई थी।
इस क्रम में राज्य के जिला कार्यालयों को शून्य बायोमीटिक और पलामू जिले के छतरपुर तथा नौडीहा बाजार प्रखंड में रोके गए मानदेय भुगतान करने की दिशा में आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही अन्य मांगों पर नियमानुसार कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया है।