5th Failed Student Matter reach Court : अलकनंदा स्थित एक निजी स्कूल (Private School) में पढ़ने वाले पांचवी क्लास के बच्चे को फेल कर दिया गया तो बच्चे के पिता के माध्यम से मामला कोर्ट (Court) पहुंचा।
कोर्ट में दाखिल याचिका में बताया गया कि छात्र ने अलकनंदा स्थित निजी स्कूल में वर्ष 2023-24 में पांचवीं क्लास की परीक्षा दी थी।
परिणाम बताए बिना महज 15 दिन के भीतर 6 और 18 मार्च को उसकी पुन: परीक्षा ली गई और फेल घोषित कर छठी कक्षा में प्रमोट (Promote) करने से इनकार कर दिया।
छात्र के मुताबिक, यह शिक्षा के अधिनियम की धारा 16(3) का उल्लंघन है।
जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने बच्चे के पिता के मार्फत दायर की गई याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि संतुलन का सिद्धांत बच्चे के हक में है, क्योंकि उसकी शिक्षा प्रभावित होती है तो वह अपूरणीय क्षति होगी, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती।
स्कूल बच्चे को छठी क्लास में बैठने देता है तो इससे स्कूल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
बच्चे का आरोप था कि उसे गलत ढंग से फेल कर दिया गया।
इससे शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) का उल्लंघन हुआ है। इस पर अदालत ने निजी स्कूल और शिक्षा निदेशालय को चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है। मामले की सुनवाई 4 जुलाई को होगी।