First Time Voting in Maoist Area : 13 मई को झारखंड (Jharkhand) के सिंहभूम (Singhbhum) लोकसभा क्षेत्र में माओवाद (Maoist) से प्रभावित रहे कई अंदरूनी क्षेत्रों मे लगभग दो दशकों यानी 20 सालों के बाद पहली बार वोटिंग (Voting) होगी।
एशिया (Asia) के सबसे घने ‘साल’ जंगल सारंडा (Saranda Jungle) में रहने वाले लोग अपने वोटिंग राइट (Voting Right) यानी मताधिकार प्रयोग करेंगे।
इन इलाकों में मतदान दलों और आवश्यक सामग्री को हेलीकॉप्टर (Helicopter) के जरिए इन स्थानों पर उतारा जाएगा।
बता दें कि सिंहभूम अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है और इसमें 14.32 लाख मतदाता (Voters) हैं। इनमें 7.27 लाख महिलाएं हैं। विदित है कि झारखंड (Jharkhand) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए मतदान (Voting) चार चरणों में 13, 20, 25 मई और 1 जून को होना है।
यह जानकारी न्यूज़ एजेंसी PTI से बातचीत के दौरान पश्चिमी सिंहभूम के DC सह जिला निर्वाचन अधिकारी कुलदीप चौधरी ने दी है।
कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि कोई भी मतदाता छूट न जाए… हमने ऐसे कई क्षेत्रों की पहचान की है, जहां पहली बार (First Time) या लगभग दो दशक के बाद मतदान होगा क्योंकि ये स्थान माओवादी उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित थे।’
ट्रेन के जरिए 121 दल भेजे जाएंगे
चौधरी ने बताया, ‘हवाई मार्ग से कर्मियों और सामग्री पहुंचाने के लिए रोबोकेरा, बिंज, थलकोबाद, जराइकेला, रोआम, रेंगराहातु, हंसाबेड़ा और छोटानागरा जैसे दुर्गम स्थानों में 118 बूथ को चिह्नित किया गया है।
कुछ क्षेत्रों में मतदान दलों को 4-5 KM पैदल चलना होगा। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस बार हम हर क्षेत्र तक पहुंच जाएं।’
मतदान दल हेलीकॉप्टर (Helicopter) के अलावा ट्रेन (Train) और सड़कों से भी यात्रा करेंगे और ट्रेन के जरिए 121 दल भेजे जाएंगे।
100 साल से अधिक उम्र के हैं 62 वोटर
DC ने बताया कि निर्वाचन क्षेत्र में 62 से अधिक मतदाताओं की आयु 100 वर्ष से अधिक हैं। उन्होंने कहा, ‘इन 62 मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक आयु के 3,909 मतदाताओं के अलावा 13,703 दिव्यांगों के लिए हमने यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें घर पर मतदान का विकल्प मिले।’