Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर वह 29 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री की 14 दिन की न्यायिक हिरासत भी सोमवार को खत्म हो जाएगी। Kejriwal ने 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जिसके एक दिन बाद दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी जिसमें कहा गया था कि उन्होंने मामले में दूसरों के साथ साजिश रची थी।
Supreme Court में दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड हमसे छुपाए गए अविश्वसनीय दस्तावेज पर आधारित थी।
इससे पहले 9 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की दो-न्यायाधीशों की पीठ का फैसला तब आया जब वह आज याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
आप प्रमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मैं इस मामले में इस शुक्रवार को एक तारीख की मांग कर रहा हूं। मामले में चुनिंदा लीक हैं।
इस पर जस्टिस खन्ना ने जवाब दिया आपको एक तारीख देंगे लेकिन आपके द्वारा सुझाई गई तारीख संभव नहीं है। सिंघवी ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता (Kejrival) का नाम प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ECIR) या आरोपपत्र में नहीं था। 15 बयान हैं।
उन्होंने आप के राष्ट्रीय संयोजक की याचिका में यह भी कहा है कि उनकी गिरफ्तारी प्रेरित तरीके से की गई थी और यह पूरी तरह से बाद के विरोधाभासी और सह-अभियुक्तों के अत्यधिक देर से दिए गए बयानों पर आधारित थी जो अब सरकारी गवाह बन गए हैं। उसमें उनकी रिहाई और गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने की मांग की गई है।
ED द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री के अनुसार 9 अप्रैल को केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए Delhi High Court ने यह भी कहा था कि वह अपराध की आय का उपयोग करने में सक्रिय रूप से शामिल थे।