Boyfriend Suicide Case : प्रेम में सुसाइड (Suicide) के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है।
आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में दो व्यक्तियों की अग्रिम जमानत (Bail) स्वीकार करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि यदि कोई पुरुष प्रेम (Love) में विफलता के कारण खुदकुशी कर लेता है, तो उसकी महिला साथी को आत्महत्या (Suicide) के लिए उकसाने का जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
Highcourt ने कहा, दुर्बल मानसिकता वाले व्यक्ति द्वारा लिए गए गलत फैसले के लिए किसी अन्य को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि यदि कोई प्रेम में विफल रहने पर आत्महत्या करता है, कोई छात्र खराब प्रदर्शन के कारण आत्महत्या करता है, तो प्रेमिका, परीक्षक कों खुदकुशी के लिए उकसाने का जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
वर्ष 2023 में खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। मृतक के पिता के अनुसार, महिला और उनके बेटे के बीच प्रेम-संबंध थे और दूसरा आरोपी उन दोनों का साझा मित्र था।
आरोप लगाया गया कि दोनों ने मृतक को यह कहकर उकसाया कि उनके बीच शारीरिक संबंध (Physical Relationship) हैं और वे जल्द शादी करेंगे। मृतक ने सुसाइड नोट (Suicide Note) में लिखा था कि वह उन दोनों (महिला और उसके सामान्य दोस्त) की वजह से आत्महत्या कर रहा है।