Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड (JUSNL) की ओर से ट्रांसमिशन लाइन के Contract से संबंधित मामले में मान स्ट्रक्चरल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (FIR) को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका की सुनवाई गुरुवार को हुई।
न्यायाधीश राजेश कुमार की कोर्ट ने मान Structural Private Limited को राहत देते हुए उसके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी। साथ ही मामले की सुनवाई 16 मई निर्धारित की है।
मामले में मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक कहा कि ट्रांसमिशन लाइन बनाने का कॉन्ट्रैक्ट जब Simplex Infrastructure को मिला था, तो उसने कैसे सब ठेकेदार को काम दे दिया। क्यों नहीं इस मामले को जांच के लिए CBI के पास भेजा जाए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया ने पैरवी की।
JUSNL से Simplex Infrastructure को वर्ष 2018 में पांच ट्रांसमिशन लाइन का कॉन्ट्रैक्ट को दिया गया था। लेकिन सिमप्लेक्स यह काम नहीं कर पाया। इसके बाद उसने वर्ष 2022 में JUSNL के MD से परामर्श कर इस काम को सब ठेकेदार को देने की बात कही।
JUSNL के MD के सहमति के बाद यह कार्य सब ठेकेदार बेसिक इंजीनियरिंग INDIA को दिया गया। Basic Engineering India ने इस कार्य को पूरा के लिए तकनीकी अनुभव के लिए मान स्ट्रक्चरल प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर के साथ समझौता किया।
बाद में Basic Engineering India और Simplex Infrastructure ने आपसी मिलीभगत से JUSNL को फर्जी बैंक गारंटी दे दी थी। बैंक गारंटी जब इनकैश नहीं हुआ तो JUSNL ने फरवरी 2024 में Basic Engineering India एवं मान स्ट्रक्चरल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ डोरंडा थाना में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई।