Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने झारखंड में 26 हजार सहायक आचार्यों (सहायक शिक्षकों) की नियुक्ति परीक्षा को लेकर अहम आदेश पारित किया है।
जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों परिमल कुमार एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) को आदेश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट नहीं प्रकाशित करें।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में Jharkhand High Court के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें दूसरे राज्यों की टेट (Teacher Eligibility Test) परीक्षा या सीटेट (Central Teacher Eligibility Test) परीक्षा पास अभ्यर्थियों को भी इस नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई है।
High Court ने यह फैसला दिसंबर, 2023 में झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया था।
अब सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका लगाने वाले प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण और अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पक्ष रखते हुए कहा कि झारखंड टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (JETET) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं संथाली, खोरठा, नागपुरी आदि का ज्ञान है, क्योंकि, उन्होंने इन पत्रों की परीक्षा पास की है।
दूसरी तरफ सीटेट (Central Teacher Eligibility Test) अभ्यर्थियों के पास ऐसी क्षेत्रीय भाषाओं का ज्ञान नहीं है। उनकी नियुक्ति जब झारखंड के प्राइमरी स्कूलों में होगी तो उन्हें राज्य की क्षेत्रीय भाषा में बच्चों को शिक्षा देने में परेशानी होगी और इसके साथ ही यह Right to education के प्रावधानों का उल्लंघन होगा।
Supreme Court ने इस याचिका पर अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में निर्धारित की है और तब तक नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट जारी करने पर रोक लगाई है।