नई दिल्ली: रेलवे में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके प्रशिक्षुओं (अप्रेंटिस) के समायोजन की मांग को लेकर रेल कर्मचारी शुक्रवार को देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे।
प्रदर्शन से पहले अपनी आवाज प्रधानमंत्री और रेलमंत्री तक पहुंचाने के लिए कर्मचारियों ने गुरुवार को सोशल मीडिया के माध्यम से भी आवाज बुलंद की।
रेल कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने गुरुवार को कहा कि मंत्रालय द्वारा अलग से रेलवे से प्रशिक्षण प्राप्त चुके इन प्रशिक्षुओं के लिए नोटिफिकेशन न जारी होने की दशा में एआईआरएफ की सभी संबद्ध यूनियनें पूरे देश में सभी, मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालयों और कारखाना प्रबंधक कार्यालयों पर 12 फरवरी को रेल प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगी।
उन्होंने सरकार से इन प्रशिक्षुओं को रेलवे में भर्ती करने के लिए तत्काल नोटिफिकेशन जारी करने की अपील की है।
मिश्र ने कहा कि देशभर में प्रत्येक वर्ष रेलवे के कई प्रतिष्ठानों जैसे कि रख रखाव डिपो, डीजल, ईएमयू शेड, कारखानों और उत्पादन इकाइयों से अप्रेन्टिसेज एक्ट 1961 के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिया जाता है।
ऐसे उम्मीदवारों का रेलवे में प्रशिक्षण के बाद समय-समय पर समयोजन होता रहा है लेकिन पिछले कुछ समय से रेल प्रशासन की हठधर्मिता के कारण इस पर रोक लगा दी गई है।
उन्होंने कहा कि इसके कारण इन कुशल प्रशिक्षुओं का रेलवे में समायोजन नहीं हो पा रहा है।
महामंत्री ने कहा कि जो अप्रेन्टिस एक्ट 1961 के अन्तर्गत रेलवे के विभिन्न प्रतिष्ठानों से प्रशिक्षण प्राप्त करता है, उसके पास अत्यधिक कुशल कार्यबल है।
रेलवे की टेक्नोलॉजी का अच्छा अनुभव होने के सा-साथ काम करने का भी अच्छा अनुभव है।
इन रेलवे प्रशिक्षुओं के वरीयता क्रम को ध्यान में रखते हुए ट्रेड टेस्ट परीक्षा के आधार पर रेलवे में खाली पड़े संरक्षा कोटि के पदों पर तत्काल समायोजन किया जाना चाहिए।