Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का मतदान समाप्त हो गया है। चौथे चरण के चुनाव प्रचार (Election Campaign) में सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है।
विपक्ष जहां NDA सरकार के कामकाज पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उनके गठबंधन दलों सहित BJP के नेता सरकार के 10 साल के विकास के कामों का लेखा-जोखा लेकर जनता के बीच उपस्थित हैं और लगातार देश के विकास को गति देने की अपनी सोच को भी जनता के बीच रख रहे हैं।
ऐसे में इस चुनाव में PM Modi को चुनौती देने वाला गायब नजर आ रहा है। चुनाव विश्लेषक भी यही अनुमान लगातार लगा रहे हैं कि पीएम मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता संभालकर अगली सरकार बनाएंगे। BJP और NDA की सीटों की संख्या को लेकर भविष्यवाणी की गई है। हर गंभीर चुनावी विश्लेषक इस बात से सहमत है कि मोदी 3.0 के लिए जारी इस चुनाव कैंपेन में NDA विपक्ष से आगे है।
विपक्षी दलों को इस चुनाव में बढ़त लेने के लिए सबसे पहले जनता के बीच अपने विचारों को लाना, लोगों के साथ संवाद आदि का प्रयास करना जरूरी है। लेकिन, इस चुनाव प्रचार में विपक्ष के बीच से यह सब नदारद है।
दूसरी तरफ चुनाव की घोषणा के ठीक बाद PM Modi ने मार्च में 9, अप्रैल में 68 और मई में 26 रैलियां की हैं। PM Modi ने अब तक 24 से ज्यादा साक्षात्कार अपने व्यस्त चुनावी कैंपेन (Election Campaign) से समय निकालकर दिया है।
उन्होंने क्षेत्रीय भाषा के चैनलों (थांथी टीवी, असम ट्रिब्यून, एशियानेट ग्रुप, विजयवाणी, न्यूज18, सकाल, ईनाडु, कच्छ मित्रा, दिव्य भास्कर, गुजरात समाचार, फूलछाब, संदेश न्यूज, आनंद बाजार पत्रिका) के साथ राष्ट्रीय (हिंदुस्तान, हिंदुस्तान टाइम्स, एएनआई) को साक्षात्कार दिया है। इसके साथ ही दैनिक जागरण, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, न्यूज़18, टाइम्स नाउ और अंतर्राष्ट्रीय (Newsweek) मीडिया आउटलेट को भी उन्होंने साक्षात्कार दिया है।
PM Modi लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद अब तक 21 रोड शो भी कर चुके हैं। इसके साथ ही लोगों से जुड़े रहने के लिए मंदिरों और गुरुद्वारों की अनगिनत यात्राएं करने के साथ प्रतिष्ठित लोगों और आम नागरिकों से मुलाकात भी करते रहे हैं।
वहीं, विपक्ष के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी के प्रचार के तरीके को देखें तो उनके द्वारा शुरू की गई ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ चुनाव की घोषणा के बाद 17 मार्च को खत्म हुई। इसके बाद से 8 मई तक राहुल गांधी ने 39 जनसभाओं को संबोधित किया है, जिसमें मार्च में 1, अप्रैल में 29, मई में 10 जनसभाएं शामिल हैं।
इसके साथ ही इन जनसभाओं में से कई जगहें तो ऐसी हैं, जहां कांग्रेस के जीतने की संभावना बहुत कम या ना के बराबर है। हालांकि, राहुल की इन जनसभाओं के आंकड़े और ज्यादा हो सकते हैं।
मीडिया के सामने आकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अभी तक कोई साक्षात्कार नहीं दिया है। हालांकि, ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ और इंडी गठबंधन के घटक दलों के साथ बैठकों के दौरान कुछ प्रेस कॉन्फ्रेंस जरूर हुई है।
अब ऐसे में सवाल यह है कि PM Modi को तीसरे कार्यकाल में आने से रोकने के लिए कोई मजबूत विपक्षी दल का नेता एक तिहाई से भी कम रैलियों को PM Modi के मुकाबले कैसे संबोधित कर सकता है। वहीं, जब लोकसभा चुनाव का प्रचार चरम पर हो तो कोई भी विपक्षी नेता लंबे समय तक चुनाव प्रचार से अनुपस्थित कैसे रह सकता है।
कोई विपक्षी नेता जो PM Modi को चुनौती देने की बात करता है, वह मुख्यधारा या वैकल्पिक मीडिया में साक्षात्कार क्यों नहीं दे रहा है। ये सभी तथ्य इस ओर इशारा कर रहे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में PM Modi को चुनौती देने वाले गायब नजर आ रहे हैं।