आरा: खेतों में पुआल जलाकर खेत के भीतर मौजूद जीवाणुओं को नष्ट कर उसकी उर्वरा शक्ति खत्म करने का सिलसिला भोजपुर में लगातार जारी है।
कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार की कर्तव्य के प्रति उदासीनता और लापरवाही से खेतों में पुआल जलाने वालों को रोकने में सफलता नहीं मिल रही है।
पुआल जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति लगातार क्षीण होती जा रही है। कृषि समन्वयक और किसान सलाहकार किसानों को इस दिशा में जागृत करने में विफल साबित हो रहे हैं।
भोजपुर जिले में कृषि विभाग ने पुआल जलाने वाले कई किसानों पर कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करायी है।
कृषि विभाग की सख्ती यहीं नहीं रुकी बल्कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने जिम्मेदार दो कृषि समन्वयक सहित तीन किसान सलाहकारों के वेतन पर रोक लगा दी है।
लापरवाही बरतने वाले चार कृषि कर्मचारियों का वेतन भी बन्द कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। कृषि विभाग की सख्ती के बाद एक महिला किसान सहित एक दर्जन किसानों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।
जगदीशपुर प्रखण्ड के कौंरा और बभनगावां पंचायत,जगदीशपुर नगर पंचायत के साथ -साथ बिहियाँ प्रखण्ड की मंझौली पंचायत के दर्जनों किसानों ने खेतों में पुआल जलायी थी ।
सूचना मिलते ही जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने पुआल जलाने वाले किसानों को चिन्हित कर कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने कौंरा के तीन किसानों,जगदीशपुर नगर पंचायत के सात किसानों और बिहियाँ के दो किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
लापरवाही बरतने वाले कौंरा के किसान सलाहकार प्रशांत कुमार और कृषि समन्वयक हरिभूषण पर भी कार्रवाई की गाज गिरी है।
भोजपुर के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने किसानों से अपने खेतों में किसी भी स्थिति में पुआल नहीं जलाने की अपील की है। उन्होंने कृषि कर्मचारियों को इस दिशा में जोर शोर से प्रचार करने का निर्देश दिया है।
धान की कटाई के लिए 80 प्रतिशत अनुदान का लाभ लेते हुए कृषि यंत्र खरीदने की भी उन्होंने किसानों से अपील की है।