IAS Manish Ranjan: टेंडर कमीशन मामले में गिरफ्तार मंत्री आलमगीर आलम के बाद अब IAS अधिकारी मनीष रंजन को ED ने समन भेजा है। ED ने 24 मई को उन्हें पूछताछ के लिए कार्यालय बुलाया है। मनीष रंजन पहले ग्रामीण विकास विभाग के सचिव थे।
मिली जानकारी के अनुसार ED को जो दस्तावेज मिले हैं, उसमें किसी मनीष का जिक्र था। इसके बाद ED को शक है कि तत्कालीन ग्रामीण विकास विभाग के सचिव और वर्तमान में भवन निर्माण विभाग के सचिव मनीष रंजन हो सकते हैं।
कमीशन के खेल में कोडवर्ड
ग्रामीण विकास विभाग में कमीशन के खेल में कोडवर्ड की मदद से रुपए बंटते थे। मंत्री के लिए ‘एच’ कोड वर्ड उपयोग किया गया था। इसका अर्थ है ऑनरेबल मंत्री यानी माननीय मंत्री, ‘एम’ का मतलब मनीष, ‘एस’ का मतलब संजीव लाल, ‘टीसी’ का अर्थ टेंडर कमेटी और ‘सीई’ का मतलब है चीफ इंजीनियर।
ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि उसके हाथ एक एक्सेल शीट लगी है। इसके तीसरे पन्ने में विभागवार कमीशन का हिसाब लिखा है। इस शीट में टेंडर की कुल राशि, कमीशन की राशि और मंत्री की हिस्सेदारी का ब्योरा है।
मंत्री आलमगीर आलम से ED के अफसर कर रहे हैं पूछताछ
मंत्री के पीएस संजीव लाल व सहायक जहांगीर आलम को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने के बाद ED ने झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया। हालांकि पूछताछ में वे खुद को इससे अनभिज्ञ बताते रहे। दूसरे दिन की पूछताछ के बाद ईडी ने 15 मई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
उनसे भी ED के अफसर पूछताछ कर रहे हैं। फिलहाल वे ईडी की रिमांड पर हैं। इसी क्रम में अब झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव रहे मनीष रंजन को ईडी ने समन जारी किया है और पूछताछ के लिए 24 मई को बुलाया है।